अमेरिका और चीन में ट्रेड वॉर का नया दौर- (रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को चीन पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने और शी जिनपिंग के साथ शिखर सम्मेलन रद्द करने की धमकी दी। इस तरह रेयर अर्थ एक्सपोर्ट पर कंट्रोल को लेकर बीजिंग के साथ उनका ट्रेड वॉर फिर शुरू हो गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ट्रंप ने कहा कि अतिरिक्त शुल्क, साथ ही किसी भी और महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर अमेरिकी निर्यात नियंत्रण, 1 नवंबर से लागू होंगे, जो उन्होंने बीजिंग के असाधारण आक्रामक कदमों के जवाब में लगाया है।
ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने कहा, “यह विश्वास करना असंभव है कि चीन ने ऐसा कदम उठाया होगा, लेकिन उन्होंने उठाया है, और बाकी सब इतिहास है।“
अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर से शेयर बाजार में गिरावट
अमेरिका और चीन के बीच गहराते ट्रेड वॉर के फिर से भड़कने से शेयर बाजारों में गिरावट आई, नैस्डैक 3.6 प्रतिशत और एसएंडपी 500 2.7 प्रतिशत नीचे आ गया।
चीनी के सामान पर वर्तमान में 30 प्रतिशत का अमेरिकी टैरिफ लागू है, जो ट्रंप द्वारा बीजिंग पर फेंटेनाइल व्यापार में सहायता करने और कथित अनुचित प्रथाओं का आरोप लगाते हुए लगाया गया था। चीन के जवाबी टैरिफ वर्तमान में 10 प्रतिशत पर हैं।
रेयर अर्थ एक्सपोर्ट पर कंट्रोल पर भड़के ट्रंप
ट्रंप ने कुछ घंटे पहले ही अपने ट्रुथ सोशल नेटवर्क पर टैरिफ की धमकी दी थी, जिसमें कहा गया था कि चीन ने दुनिया भर के देशों को रेयर अर्थ एक्सपोर्ट पर कंट्रोल के बारे में विस्तृत पत्र भेजे हैं। स्मार्टफोन और इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर सैन्य हार्डवेयर और नवीकरणीय ऊर्जा तकनीक तक, हर चीज के निर्माण के लिए रेयर अर्थ महत्वपूर्ण हैं। चीन इन सामग्रियों के प्रोडेक्शन और प्रोसेसिंग पर हावी है।
चीन का रवैया बेहद शत्रुतापूर्ण- ट्रंप
ट्रंप ने चीन के रुख को बेहद शत्रुतापूर्ण बताते हुए लिखा, “चीन को दुनिया को बंदी बनाने की अनुमति किसी भी तरह से नहीं दी जानी चाहिए।“
चिनफिंग से मुलाकात रद करने के दिए संकेत
इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस महीने के अंत में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलने की अपनी योजना पर सवाल उठाया। जनवरी में ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद से यह दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के बीच पहली मुलाकात थी।
उन्होंने लिखा, “मुझे दो हफ्ते बाद दक्षिण कोरिया में APEC में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलना था, लेकिन अब ऐसा करने का कोई कारण नहीं दिखता।“ |