आठवले बोले- बिहार में नहीं लड़ेंगे चुनाव, उद्धव को सत्ता से हटाने का संकल्प
- मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की घटना निंदनीय, संविधान पर हमला: रामदास आठवले
- एनडीए के साथ खड़ी RPI, आठवले ने बिहार और महाराष्ट्र चुनाव को लेकर खोले पत्ते
- आठवले का तीखा बयान - राज ठाकरे सिर्फ बातें करते हैं, चुनाव जीतना नहीं आता
पणजी। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के अध्यक्ष और सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने गुरुवार को गोवा में पर्पल फेस्टिवल के तहत मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी बिहार चुनाव नहीं लड़ेगी और भाजपा नीत राजग का समर्थन करेगी।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में महाराष्ट्र में होने वाले स्थानिक स्वराज्य संस्था के इलेक्शन में मेरी पार्टी एनडीए को सपोर्ट करेगी और हम उद्धव ठाकरे को सत्ता से नीचे खींच देंगे।
2024 के लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे एनडीए के साथ थे, इसलिए हमारा बड़ा नुकसान हुआ। लेकिन विधानसभा चुनाव में उन्होंने हमारा साथ छोड़ दिया, जिसकी वजह से हम महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव जीत गए।
उन्होंने कहा कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ आने से महाविकास आघाड़ी में हलचल है। राज ठाकरे सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, उन्हें चुनाव में जीत नहीं मिलती है।
देश के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की घटना पर उन्होंने कहा कि देश के चीफ जस्टिस दलित समाज के हैं, इसीलिए सवर्ण वकील ने उनका अपमान किया।
इससे पहले उन्होंने कहा था कि देश के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने का जो प्रयास हुआ, वह अत्यंत निंदनीय, शर्मनाक और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरनाक संकेत है। भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने हमें जो संविधान दिया है, उसमें हर नागरिक को न्याय की उम्मीद रखने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार हमें कोर्ट जैसी गरिमामय जगह पर हिंसा या अपमानजनक आचरण की इजाजत नहीं देता। न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति पर इस प्रकार का व्यवहार केवल व्यक्ति विशेष पर नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र पर हमला है।
उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश गवई का शांत रहना और यह कहना कि “यह मुझ पर असर नहीं करता,” यह उनके भीतर की दृढ़ता और न्यायिक मर्यादा को दर्शाता है। मैं एक केन्द्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी का नेता होने के नाते यह कहना चाहता हूं कि संविधान की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। ऐसे कृत्य करने वाले लोगों को सख्त संदेश देना जरूरी है कि लोकतंत्र में विरोध की भी सीमाएं होती हैं। हम सबको मिलकर न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए।

Deshbandhu
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