नाटो बजट पर ट्रंप का दबाव, स्पेन को बाहर करने की दी चेतावनी
- ट्रंप बोले - स्पेन पीछे रह गया, नाटो से निकालने पर हो सकता है विचार
- रक्षा खर्च पर ट्रंप-सांचेज आमने-सामने, नाटो में तनाव बढ़ा
- 2035 तक 5% GDP रक्षा पर खर्च करें: ट्रंप की शर्त पर स्पेन ने जताई असहमति
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुझाव दिया कि अगर स्पेन अपना रक्षा खर्च नहीं बढ़ाता, तो उसे नाटो से बाहर कर देना चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर स्पेन अपना रक्षा खर्च नहीं बढ़ाता, तो उसे नाटो से बाहर कर देना चाहिए।
व्हाइट हाउस में फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, “स्पेन के पास अब कोई बहाना नहीं है। वह पीछे रह गया है... सच कहूं तो शायद उसे नाटो से निकाल देना चाहिए।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के दबाव में, नाटो के सदस्य जून में 2035 तक अपने सैन्य खर्च को सकल घरेलू उत्पाद के 5 प्रतिशत तक बढ़ाने पर सहमत हुए थे।
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने इस लक्ष्य को अस्वीकार कर दिया और इसे "हमारे कल्याणकारी राज्य और हमारी विश्व दृष्टि के साथ असंगत" बताया।
लेकिन स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी राशि खर्च करना हमारे सामाजिक कल्याण मॉडल और जीवन दृष्टि के खिलाफ है। सांचेज ने यह भी स्पष्ट किया कि स्पेन को इस लक्ष्य तक पहुंचने की जरूरत नहीं है।
रक्षा खर्च के मामले में स्पेन पहले से ही नाटो देशों में सबसे कम खर्च करने वाले देशों में शामिल है।
पिछले जून में 32 सदस्यीय नाटो समूह ने अगले दस वर्षों में रक्षा बजट में बड़ी वृद्धि का वादा किया था। यह निर्णय ट्रंप के दबाव में लिया गया था, जिन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर स्पेन ने इसका विरोध किया तो उस पर व्यापारिक असर पड़ सकता है।
ट्रंप ने नाटो देशों से यह वादा करवाया कि वे अपने देश की कुल आय (जीडीपी) का पांच प्रतिशत सुरक्षा पर खर्च करें। इसे नाटो में अमेरिका की भागीदारी बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

Deshbandhu
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