तेजस्वी यादव और राहुल गांधी।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, परंतु महागठबंधन में सीटों का पेच अब तक फंसा हुआ है। अब नया मामला सीटों की अदला-बदली का है। कांग्रेस राजद कोटे की कुछ सीटें लेने चाहती है तो राजद भी कांग्रेस कोटे की कुछ सीटों पर अपना दावा कर रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
महागठबंधन के दो प्रमुख घटक राजद-कांग्रेस में जिन सीटों को लेकर मामला फंस रहा है उसमें सबसे प्रमुख सीट है कहलगांव। इसके अलावा मटिहानी, बछवाड़ा, सहरसा, बायसी, बहादुरगंज और रानीगंज जैसे विधानसभा क्षेत्र हैं।
कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने राजद के समक्ष जिन सीटों की मांग रखी है उनमें बछवाड़ा, मटिहानी, सहरसा, बायसी और रानीगंज। वहीं राजद कांग्रेस कोटे की सीट भागलपुर के साथ बहादुरगंज पर अपना दावा कर रहा है।
2020 में राजद ने सहरसा, बायसी और रानीगंज से चुनाव लड़ा था। जबकि कांग्रेस ने कहलगांव और बहादुरगंज से चुनाव लड़ा था। राजद कांग्रेस कोटे की कहलगांव और बहादुरगंज सीट अपने कोटे में लेना चाहता है।
सूत्रों ने बताया कांग्रेस इन दोनों सीटों पर दावा छोड़ने को तैयार है, परंतु बदले में उसने सहरसा, बायसी और रानीगंज के अलावा बछवाड़ा और मटिहानी सीट की मांग रखी है।
सूत्रों की माने तो दोनों दलों ने आपसी सहमति के आधार पर टकराव के इस बिंदु को हल करने का निर्णय लिया है। कांग्रेस का तर्क है कि राजद अपने कोटे की सीटें छोडऩे को तैयार होता है तो वह भी समझौता करने से पीछे नहीं रहेगी। |