यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। वर्षों से जिस बाइपास के चालू होने की लोग उम्मीद कर रहे थे, वह अब शीघ्र पूरी होने वाली है। जिला प्रशासन ने गुरुवार को इसकी तिथि निर्धारित कर दी है। 11 से इस बाइपास को आवागमन शुरू हो जाएगा। निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस बाइपास के शुरू होने से रामदयालु रोड से ट्रैफिक लोड बहुत कम हो जाएगा। यह बाइपास 16.87 किलोमीटर लंबा है और हाजीपुर–मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 63.17 खंड का हिस्सा है।
वर्ष 2010 में इसके निर्माण की स्वीकृति मिली थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण में उत्पन्न समस्या से 15 वर्ष देरी हुई। इसके निर्माण से न केवल शहर में ट्रैफिक दबाव घटेगा, बल्कि आसपास के जिलों, दरभंगा, मोतिहारी, सीतामढ़ी, वैशाली व समस्तीपुर से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए भी यह मार्ग सुविधाजनक साबित होगा।
हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बाइपास अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक से तैयार किया गया है। इसके तहत 66 अंडरपास, चार माइनर ब्रिज, एक आरओबी का निर्माण किया गया है। इन संरचनाओं से स्थानीय निवासियों व वाहनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की गई है।
अंडरपास के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ा गया है, जिससे किसान, व्यापारी व विद्यार्थियों को बिना किसी बाधा के आवागमन की सुविधा मिलेगी। हाजीपुर से दरभंगा, सीतामढ़ी या मोतिहारी की ओर जाने वाले भारी वाहनों को अब शहर के बीच से नहीं गुजरना पड़ेगा।
परिणामस्वरूप शहर में जाम से मुक्ति, ईंधन की खपत में कमी व प्रदूषण में भी गिरावट आएगी। हाजीपुर की ओर से आने वाले वाहन मधौल से इस बाइपास के जरिए सीधे कांटी सदातपुर स्थित मोतिहारी फोरलेन पर निकलेंगे। इसी प्रकार उस ओर से हाजीपुर-पटना जाने वाले वाहनों को भगवानपुर व रामदयालु होकर जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
आर्थिक व औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार: डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कहा इस बाइपास का चालू होना ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। उन्होंने ट्रैफिक डीएसपी व जिला परिवहन पदाधिकारी को मार्ग पर सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है ताकि आम लोगों को आवाजाही में कोई कठिनाई न हो।
इस परियोजना से न केवल सड़क नेटवर्क मजबूत हुआ है, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास, औद्योगिक निवेश व रोजगार सृजन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। मुजफ्फरपुर-दरभंगा व मुजफ्फरपुर-मोतिहारी के बीच दूरी और यात्रा समय में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने किया था निरीक्षण
पिछले वर्ष अगस्त में प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निरीक्षण किया था। उस समय उसी वर्ष दिसंबर तक कार्य पूरा कर इसे चालू कराने को कहा था, लेकिन आरओबी निर्माण में देरी होने से करीब सालभर बाद यह चालू होगा।
इस पथ से गोपालगंज होकर उत्तर प्रदेश जाने वाले लोगों को भी सुविधा होगी। सीतामढ़ी से सोनवर्षा जाना भी आसान हो जाएगा। साथ ही पटना-मुजफ्फरपुर को ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर के फोरलेन की भी कनेक्टिविटी मिलेगी।
परियोजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
- वर्ष 2010 में बाइपास निर्माण की मिली थी स्वीकृति।
- भू-अर्जन तक तकनीकी दिक्कत के कारण 2012 से शुरू हुआ काम।
- भूमि अधिग्रहण में पेच फंसा और मामला कोर्ट में चला गया, काम हुआ बंद।
- करीब छह वर्षों तक कोर्ट में मामला चला, कोर्ट के आदेश पर शुरू हुआ काम।
- वर्ष 2021-22 से निर्माण कार्यों में आई तेजी।
- करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से हुआ निर्माण।
- 36 गांव में करीब 124 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण
- अधिग्रहण पर करीब 199 करोड़ रुपये किए गए खर्च।
|