deltin33 • 2025-10-10 06:12:57 • views 407
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) को लेकर महागठबंधन के अंदर सीटों के बंटवारे पर अभी तक औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इससे पहले ही वाम दलों में से एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने अपनी ओर से पटना जिले में प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। इस कदम से महागठबंधन के भीतर नई राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
जानकारी के अनुसार, भाकपा की जिला कमेटी ने विक्रम विधानसभा सीट से वशिष्ठ सिंह को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यह सीट पिछली बार कांग्रेस के कोटे में थी। इससे महागठबंधन के अंदर मतभेद की स्थिति बनती दिख रही है। हालांकि शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन कांग्रेस खेमे में नाराजगी के स्वर सुनाई देने लगे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का कहना है कि सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय केवल महागठबंधन के शीर्ष नेताओं की सहमति से होगा, ऐसे में जिला स्तर पर प्रत्याशी घोषित करना अनुशासनहीनता माना जाएगा। वहीं, भाकपा के जिला सचिव विश्वजीत कुमार का तर्क है कि संगठनात्मक मजबूती और समय की कमी को देखते हुए उम्मीदवार की तैयारी समय से शुरू करना जरूरी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गुरुवार को पटना जिला कमेटी की बैठक काजीपुर स्थित जिला कार्यालय में हुई। जिसमें सर्वसम्मति से विक्रम विधानसभा सीट से पार्टी के नेता वशिष्ठ सिंह को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को अब नामांकन की तैयारी करने के लिए कहा गया है।
भाकपा के द्वारा उम्मीदवार की घोषणा महागठबंधन में अंदरूनी असहमति का संकेत है। यदि जल्द ही सीटों का बंटवारा स्पष्ट नहीं हुआ, तो कई सीटों पर तालमेल बिगड़ सकता है।
अब देखना होगा कि महागठबंधन की शीर्ष कमेटी इस स्थिति पर क्या रुख अपनाती है। क्या भाकपा अपने उम्मीदवार वापस लेगी या फिर कांग्रेस को अपने दावे में संशोधन करना पड़ेगा। आने वाले दिनों में इसका असर पूरे चुनावी समीकरण पर पड़ सकता है। |
|