10 अक्टूबर को टाटा ट्रस्ट्स की बैठक होने जा रही है।
नई दिल्ली। टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स में जारी घमासान (Tata Truts & Tata Sons) के बीच टाटा ट्रस्ट्स, जिनके पास टाटा संस में 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है, 10 अक्टूबर को बोर्ड बैठक करने जा रहा है। हालांकि, इस मीटिंग में 3 हेल्थ सर्विस प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग प्रपोजल की समीक्षा की जा सकती है यानी बैठक में टाटा ट्रस्ट्स और टाटा संस के बीच जारी कलह पर कोई चर्चा नहीं होगी। दरअसल, हेल्थ केयर प्रोजेक्ट को फंडिंग, टाटा ट्रस्ट्स के नियमित परोपकारी एजेंडे का हिस्सा है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
टाटा ट्रस्ट्स के समक्ष 10 अक्टूबर को होने वाली बोर्ड बैठक में टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के बोर्ड में ट्रस्ट के नामित निदेशक वेणु श्रीनिवासन की बोर्ड पॉजिशन पर पुनर्विचार या समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
इन फैसलों को लेकर टाटा ट्रस्ट्स व टाटा संस में टकराव
दरअसल, टाटा ग्रुप में जारी इस घमासान की वजह बोर्ड नियुक्तियां, इंफोर्मेशन तक एक्सेस और टाटा संस की लंबे समय से लटकी लिस्टिंग योजना है। इन मुद्दों को लेकर ट्रस्टियों के बीच विवाद की स्थिति बन गई है और टाटा ग्रुप दो खेमों में बंट गया है।
माना जा रहा है कि मौजूदा चेयरमैन नोएल टाटा, श्रीनिवासन को टाटा संस के बोर्ड में बने रहने के पक्ष में हैं, जबकि ट्रस्टियों के एक वर्ग में कथित तौर पर उनके कम समर्थक हैं। कुछ ट्रस्टियों - मेहली मिस्त्री, प्रमित झावेरी, डेरियस खंबाटा और जहांगीर एचसी जहांगीर ने टाटा संस के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन के अनुच्छेद 121 A के कार्यान्वयन के बारे में सवाल उठाए हैं, जो होल्डिंग कंपनी के प्रमुख वित्तीय निर्णयों को मंजूरी देने में टाटा ट्रस्ट की जिम्मेदारियों को दर्शाता है।
विजय सिंह की नियुक्ति को लेकर गहराया विवाद
ट्रस्टियों के इसी समूह ने इससे पहले 11 सितंबर को बैठक में ट्रस्ट के नामित निदेशक के रूप में टाटा संस बोर्ड में विजय सिंह की पुनर्नियुक्ति को लेकर नोएल टाटा और वेणु श्रीनिवासन के साथ टकराव किया था। इसके बाद पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह ने टाटा संस के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था।
टाटा संस बोर्ड में पुनर्नियुक्ति पिछले वर्ष नोएल टाटा की अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के बाद पारित एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव के कारण आवश्यक हो गई थी, जिसके तहत नामित निदेशकों को 75 वर्ष की आयु हो जाने पर हर वर्ष पुनर्नियुक्ति की आवश्यकता थी।
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टाटा समूह में इस बढ़ते गतिरोध को खत्म करने के लिए टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा और टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन, गृह मंत्री व वित्त मंत्री से मिले थे। |
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