LHC0088 • 2025-10-9 21:36:36 • views 634
पुलिस अधीक्षक ने प्रसारित फोटो की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी को सौंपी। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, बागेश्वर । कोतवाल तथा उनके हमराह फिर सुखियों में हैं। उनका एक फोटो इतना वायरल हुआ कि पुलिस मुख्यालय को उसकी जांच करानी पड़ गई है। अब पुलिस अधीक्षक ने भी प्रसारित फोटो की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी को सौंप दी है। कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के भी संकेत दिए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इंटरनेट मीडिया में तरह-तरह की वीडियो बनाकर उसे शेयर करना तथा अपनी फोटो को वर्दी में पेश करना समेत तमाम ऐसी आदतें कभी कभार पुलिस महकमे की बदनामी भी कर चुकी हैं। लेकिन पुलिस जवान फिर भी इसे टाल जाते हैं। जिले में कई ऐसे पुलिस कर्मी हैं, जो इंटरनेट मीडिया पर छाए रहते हैं। लेकिन अभी तक उन पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई से पुलिस के उच्चाधिकारी बचते नजर आए हैं। लेकिन किसी संगठन के महामंत्री का गुलदस्ता देकर स्वागत करना उन्हें अब महंगा पड़ गया है। वैसे भी यह बागनाथ भूमि है। यहां अधिक समय तक छल, कपट तथा झूठ बोलने का हस्र बुरा ही हुआ है।
पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने अपने फेसबुक वाल पर एक फोटो शेयर की है। जिसमें लिखा है कि कोतवाल ही क्या पूरा जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन चमचागिरी में लगे हैं। जिसमें उनके फेसबुक दोस्त गजेंद्र रावत लिखते हैं कि भाजपा महामंत्री के स्वागत में बावर्दी कोतवाल।
महेंद्र भट्ट की टीम के ख़ास सदस्य कुंदन परिहार महामंत्री भाजपा उत्तराखंड की सेवा मे बागेश्वर जनपद के कोतवाल का इस प्रकार स्वागत करना कोई बड़ी बात नहीं, जब सब मौज काट रहे है तो कुंदन परिहार भी क्यों पीछे रहे. आखिर कितनी मुश्किल से अच्छे दिन आए। पता नहीं यह वाली ट्रेनिंग किस ख़ास ट्रेनिंग सेंटर मे दी जा रही है इन्हे? शुक्र मनाओ अभी इन्होंने इस टाइप के होर्डिंग नहीं लगाए, कुंदन परिहार को भाजपा महामंत्री बनकर प्रथम बार बागेश्वर आने पर स्वागत और बधाई।
वहीं, अनित प्रकाश साह ने लिखा है कि इससे ये प्रतीत होता है सरकारी कर्मचारियों का चमचागिरी का स्तर कितना मजबूत हो गया है। सतीश चंद्र खोलिया ने कमेंट किया है कि क्या करे भाई साहब नौकरी का सवाल है। आप को भी तो किया होगा, कभी किसी वर्दीधारी ने यह बेचारे अब असहाय हैं। करना पड़ता है दा यह सम्मान है। दयाल सिंह बघरी ने लिखा इससे ये प्रतीत होता है सरकारी कर्मचारियों का चमचागिरी का स्तर कितना मजबूत हो गया है। गौरव परिहार ने लिखा कि जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का ये तो सुना था अब तो नेता जी भये सरकार तो डर काहे का ये पहली बार सुना।
नीरज कांडपाल ने लिखा कि एक पुलिस अधिकारी को ड्यूटी के दौरान राजनेता को गुलदस्ता देने के लिए वर्दी का प्रोटोकाल अनुमति नहीं देता है। पुलिस की वर्दी शक्ति, सम्मान तथा अधिकार का प्रतीक है। ड्यूटी पर रहते हुए यूनिफार्म में यह व्यक्तिगत सम्मान व्यक्त करने की अनुमति नहीं है।
हालांकि, राजनेता से मिलते समय सम्मानजनक व्यवहार करना जरूरी है, लेकिन इसे यूनिफार्म में रहकर गुलदस्ता देने जैसे व्यक्तिगत कृत्य से नहीं किया जाता। पहचान तथा अधिकार का प्रतीक: पुलिस की वर्दी पुलिस की प्रत्यक्ष पहचान है।एक राज्य प्राधिकरण का प्रतीक है। यह वर्दी नागरिकों के लिए गर्व, सम्मान तथा अधिकार का प्रतीक भी है। इसी तरह कई कमेंट आने के बाद पुलिस महकमे की नींद खुली है।
पुलिस अधीक्षक बोले होगी विभागीय कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर घोड़के ने जारी प्रेस विज्ञप्ति ने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही फोटो के संबंध में क्षेत्राधिकारी बागेश्वर को जांच के आदेश दिए गए हैं। मामले की विभागीय जांच होगी। जांच के बाद कर्मचारियों के विरुद्ध आवश्यक विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से निर्गत इंटरनेट मीडिया नियमावली का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने तथा सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को पुन: निर्देशित एवं सचेत किया गया है। |
|