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Indian Water Polo Team: वॉटर पोलो खिलाड़ियों के स्विमिंग ट्रंक पर तिरंगा लगाने पर विवाद, खेल मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

cy520520 2025-10-9 20:06:30 views 953

  

Indian Water Polo Team के खिलाड़ियों के स्विमिंग ट्रंक पर तिरंगा लगाने पर विवाद



अभिषेक त्रिपाठी, जागरण नई दिल्ली। अहमदाबाद में चल रही एशियन एक्वेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान भारतीय पुरुष वाटर पोलो टीम एक विवाद में फंस गई है। प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों के स्विमिंग ट्रंक पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया गया, जिसके बाद यह मामला राष्ट्रीय प्रतीक के अपमान से जुड़ गया है।Indian Water Polo Team मुश्किल में फंसी
मामला सामने आने के बाद खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए भारतीय तैराकी महासंघ (एसएफआई) से रिपोर्ट मांगी है। भारत इस टूर्नामेंट का मेजबान है और एसएफआई की यह लापरवाही देश की छवि को धूमिल करती है।
जानकारी के मुताबिक, भारतीय खिलाडि़यों के स्विमिंग ट्रंक पर तिरंगा बनाया गया था, जबकि नियमों के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज को सिर पर पहनी जाने वाली स्कल कैप पर लगाया जाना चाहिए। इस गलती के चलते कई पूर्व खिलाड़ियों और दर्शकों ने इसे \“ध्वज संहिता 2002\“ का उल्लंघन बताया।
जब \“दैनिक जागरण\“ ने इस विवाद पर एसएफआई से बात की, तो एक अधिकारी ने कहा कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। अगले मैचों से पहले टीम की किट बदल दी जाएगी और तिरंगा को केवल स्कल कैप पर प्रदर्शित किया जाएगा। अन्य देशों की टीमें भी अपने झंडे को प्रतियोगिता गियर पर लगाती हैं, लेकिन हम भारतीय भावनाओं और संवेदनशीलता का पूरा सम्मान करते हैं।
हालांकि, एसएफआई ने अपने बचाव में कहा कि यह कदम विश्व एक्वेटिक्स (पहले फिना) के नियमों के अनुरूप था। इन नियमों के तहत खिलाडि़यों को अपने देश का झंडा और कोड 32 वर्ग सेंटीमीटर तक के आकार में कैप पर लगाने की अनुमति दी जाती है। तैराकी महासंघ का यह बचाव भारत के कानूनी प्रविधानों के तहत टिकता नहीं दिख रहा है।खेल मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
विवाद बढ़ने के बाद खेल मंत्रालय ने एसएफआइ से कहा है कि वे तुरंत इस गलती को सुधारें और रिपोर्ट सौंपें। मंत्रालय का मानना है कि यह मामला जानबूझकर नहीं बल्कि अनजाने में हुई त्रुटि का परिणाम है, लेकिन राष्ट्रीय प्रतीक के सम्मान के मामले में कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
फिलहाल भारतीय तैराकी महासंघ ने आश्वासन दिया है कि आगामी मैचों से पहले टीम की नई यूनिफार्म तैयार कर ली जाएगी और भविष्य में ऐसी गलती दोहराई नहीं जाएगी। वहीं, खेल मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि रिपोर्ट मिलने के बाद जिम्मेदारी तय की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

क्या कहता है नियम?

भारत की \“ध्वज संहिता 2002\“ और \“राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम 1971\“ के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज को कमर के नीचे पहने जाने वाले किसी भी वस्त्र पर लगाना सख्त वर्जित है। इन नियमों में स्पष्ट कहा गया है कि ध्वज का उपयोग कपड़ों, कुशन, नैपकिन, अंडरगारमेंट या अन्य घरेलू वस्तुओं पर नहीं किया जा सकता।

इसके अलावा झंडे का जमीन पर गिरना या पानी को छूना भी अपमान की श्रेणी में आता है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) के चार्टर के मुताबिक, एथलीटों के लिए अपने देश का झंडा प्रदर्शित करना अनिवार्य नहीं है। यह पूरी तरह खिलाडि़यों और संबंधित राष्ट्रीय महासंघों के विवेक पर निर्भर करता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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