नई दिल्ली। पीएम किसान योजना आज किसानों के बीच काफी पॉपुलर स्कीम है। इस योजना के तहत किसानों को हर साल 6000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। अब तक सरकार द्वारा कुछ राज्यों के किसानों को 2000 रुपये की किस्त दी जा चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हालांकि बाकी के राज्य के किसान अभी तक किस्त का इंतजार कर रहे हैं। अब सवाल ये है कि बाकी के राज्यों में रहने वाले किसानों का इंतजार खत्म होगा।
PM Kisan 21st Installment: कब खत्म होगा इंतजार?
अब तक सरकार की ओर से ऐसे किसानों को पहले प्राथमिकता दी गई है, जो राज्य में बीते दिनों आने वाली बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। बीते दिनों आई बाढ़ ने कुछ राज्य के किसानों का बड़ा नुकसान किया। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ऐसे किसानों को किस्त जारी कर, आर्थिक मदद दी, जो बाढ़ से प्रभावित हुए थे।
इन राज्यों में हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए किस्त जारी की। PM किसान योजना की 21वीं किस्त का अग्रिम वितरण किया गया है जिससे प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 8.5 लाख से अधिक किसानों को ₹170 करोड़ मिले।
अब चलिए जान लेते हैं कि बाकी के राज्यों के किसानों को किस्त कब मिलेगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाकी के राज्यों के किसानों के लिए सरकार दिवाली से पहले किस्त जारी कर सकती है।
किन किसानों के अटकेंगे पैसे?
जिन किसानों ने अब तक योजना से जुड़ा ई-केवाईसी नहीं किया है। उनके पैसे अटक सकते हैं। क्योंकि ई-केवाईसी करना बेहद जरूरी है। आप ई-केवाईसी बैंक जाकर या ऑनलाइन माध्यम से कर सकते हैं।
बैंक खाता आधार से लिंक होना भी काफी जरूरी है, इसके बिना भी आपके पैसे अटक सकते हैं। आप ये कार्य अपने बैंक जाकर पूरा कर सकते हैं। इसके लिए आपको आधार कार्ड की फोटोकॉपी, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट जैसे बिजली का बिल, पानी का बिल, टेलीफोन बिल इत्यादि और बैंक पासबुक की फोटोकॉपी इत्यादि की जरूरत होगी।
अगर आपने योजना में अप्लाई करते वक्त या केवाईसी के समय गलत डॉक्यूमेंट सबमिट करें तो भी किस्त अटक सकती है।
इस दिन हुई थी पहली किस्त जारी?
6 साल पहले यानी साल 2019 में किसानों को पीएम किसान योजना के तहत पहली किस्त मिली थी। इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक पीएम किसान योजना का फायदा सबसे पहले बिहार के भागलपुर किसानों को दिया गया था। वहीं उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 9.08 करोड़ किसानों के खाते में 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक भेजे गए थे। |