cy520520 • 2025-10-9 19:36:27 • views 331
नेताओं की गाड़ियों से वीरचंद पटेल पथ पर लगा जाम
जागरण संवाददाता, पटना। जदयू कार्यालय में कार्यकर्ताओं की चहल-पहल है। अलग-अलग झुंड में नेताजी और समर्थकों में बातचीत चल रही है। चाय की चुस्की के बीच कोई किसी की टिकट गोल करते तो कोई अपनी पक्की बताते। मोबाइल पर भी ऐसे ही संदेश दिए जा रहे हैं। नालंदा से लेकर किशनगंज तक से पहुंचे नेता व उनके समर्थक पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बताने के लिए मोटी फाइल लेकर पहुंचे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आशीर्वाद मिल जाए तो 50 हजार से जीतेंगे
एक महिला नेत्री एक प्रकोष्ठ के पदाधिकारी को बता रहीं हैं-हम तो महिला सेल के जिलाध्यक्ष रहे। पार्टी ने हमारे गृह जिले से दूर-दूर जिले में काम सौंपा। उस काम में रात 11 बजे तक लगे रहे। समर्थक उनकी बातों में हां में हां मिलाते हुए कहते हैं- इसबार मैडम का तो टिकट बनता है। हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता है। थोड़ी दूर पर खड़े सीमांचल से आए नेता जी सबको फुटहा खिलाते हुए अपने किए काम की चर्चा में व्यस्त दिखे। चर्चा के दौरान बात आई बड़े साहब की। बड़े साहब मतलब मुख्यमंत्री जी। कहा- इस बार उनका आशीर्वाद मिल गया तो कम से कम 50 हजार वोट से जीतेंगे। देखते हैं क्या होता है।
आवाजाही से गुलजार हुआ सदाकत आश्रम
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम इन दिनों चुनावी रंग में सराबोर है। टिकट की उम्मीद में प्रदेश भर से पहुंचे दावेदारों और पार्टी नेताओं की चहल-पहल से पूरा परिसर गुलजार हो गया है। सुबह से देर शाम तक टिकटार्थियों का आना-जाना लगा रहता है। हर कोई संगठन के पदाधिकारियों और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों से मुलाकात कर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में जुटा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, प्रभारी से लेकर चुनाव संचालन समिति के सदस्य लगातार बैठकें कर रहे हैं। वहीं, पार्टी कार्यालय में कांग्रेस के पुराने और नए चेहरों की मौजूदगी से माहौल पूरी तरह चुनावी हो गया है। कई संभावित प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ पहुंचकर अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं, तो कुछ नेता गुपचुप तरीके से पैरवी में लगे हैं। इस बीच पार्टी लगातार प्रेस कान्फ्रेंस का सिलसिला भी चला रही है। स्क्रीनिंग कमेटी ने अब तक अधिकांश जिलों से उम्मीदवारों नामों की सूची प्राप्त कर ली है। प्रत्याशियों के चयन को लेकर दिल्ली में अंतिम मंथन भी चल रहा है। ऐसे में टिकटार्थियों की नजर आलाकमान के फैसले पर टिकी हुई है।
महंगाई, बेरोजगारी व पलायन रोकने के मुद्दे पर राजद
राजद प्रदेश कार्यालय से लेकर लालू प्रसाद के आवास तक टिकट के दावेदारों व उनके समर्थकों की भीड़ लगी रही। बुधवार को दावेदारी का आवेदन लेकर अपने खास बड़े नेताओं से समय लेकर समर्थकों के साथ पहुंचे भावी उम्मीदवार बड़ी संख्या में थे। लालू प्रसाद के आवास पर कार्यकर्ताओं और टिकट की आस लगाए नेताओं की भीड़ उमड़ रही है। सफेद कुर्ता-पायजामा व वाहनों की कतार से आसपास के माहौल में चुनावी रंग दिखा। एक दिन पहले मंगलवार को तेजस्वी के आवास में हुई महागठबंधन की बैठक में क्या हुआ, यह जानने के लिए भी उतावले थे। पोस्टर-बैनर लगाने से लेकर संभावित प्रत्याशियों तक की चर्चा जोरों पर थी।
प्रदेश कार्यालय में कुछ बड़े नेता आए लेकिन वे अधिक देर तक रुके नहीं। यही हाल जिला कार्यालय का भी था, यहां भी लोगों का आना-जाना लगा था। जिलाध्यक्ष दीनानाथ यादव कार्यकर्ताओं को हर जाति वर्ग, समाज के लोगों तक तेजस्वी यादव की घोषणाओं को पहुंचाने की रणनीति बनाने में जुटे थे। संगठन से लेकर चुनाव प्रबंधन समिति तक हर स्तर पर समीकरण साधने की कोशिशें जारी थीं। वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह चुनाव बिहार की दिशा तय करेगा और जनता बदलाव के लिए तैयार है। युवा विंग इंटरनेट मीडिया पर पार्टी के प्रचार अभियान को नई धार देने की रणनीति बना रहा है। एक युवा कार्यकर्ता ने कहा कि घर-घर अभियान चलाने को तैयार हैं। जनता इस बार महंगाई, बेरोजगारी व पलायन रोकने के मुद्दे पर राजद के साथ है।
बदलाव का नारा बुलंद कर कार्यकर्ताओं में दिख रहा उत्साह
राजनीतिक दलों के कार्यालयों में इन दिनों रौनक देखते ही बनती है। बिहार के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे, झटकते हुए ऐसे कि जैसे पीछे न छूट जाएं। इनमें अधिसंख्य टिकट की अभिलाषा वाले हैं और कुछेक कुछ पूर्व निर्धारित दलीय दायित्वों के निर्वहन के उद्देश्य से आने वाले भी। आदमियों का एक रेला बाहर निकलता है तो दूसरा धकियाते हुए अंदर घुस जा रहा। जिधर नजर उठाइए, उधर बतकही और दावे-प्रतिदावे। सीटों के गुणा-गणित से लेकर क्षेत्रीय समीकरण को समझाते मुटि्ठयां ऐसे तन जा रहीं, जैसे कि अभी-अभी मैदान मार लिए हों। भीड़ हर दिन बढ़ती चली जा रही है।
कार्यालय परिसर के बाहर वाहनों की कतार
भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ वीआइपी नेताओं को जमावड़ा अधिक है। कार्यालय परिसर के बाहर वाहनों की कतार व अंदर कार्यकर्ताओं की भीड़ की वजह से बड़ा गेट बंद है। सभी को छोटे गेट से ही एंट्री मिल रही है। दोपहर के दो बज रहे हैं। जो नेता अंदर आ रहे हैं वो सीधे कार्यालय में कोई महामंत्री के कक्ष में जा रहा है तो कोई अध्यक्ष के। कार्यकर्ता प्रकोष्ठ व विभिन्न विभागों के कार्यालय में बैठने की जुगाड़ में लगे हैं। अंदर नेताओं की बैठक चल रही है। टिकट की आस में कई का इंतजार लंबा हो चला है।
पहले चरण वाले टिकटार्थियों की संख्या ज्यादा है। कुछ यहां से हरी झंडी मिलने पर दिल्ली दौड़ में शामिल होकर अपने नेता की प्रशंसा शुरू कर देते हैं। कोई अपने इंटरनेट मीडिया पर उपस्थिति के बारे में चर्चा कर रहा था तो कोई विरोधी दल के नेताओं व कार्यकर्ताओं को किस अंदाज में जवाब दे रहा था उसकी चर्चा। चर्चा में ही बात निकली मुख्यमंत्री की। कहा कि इस बार तो पहले वाला अंदाज सभा में नहीं दिखेगा। छोटी-छोटी सभा अधिक होनी है। एक ने सीट की चर्चा छेड़ दी। दूसरे ने कहा कि सौ से तो पारे रहेगा लेकिन मांझी जी आउ चिराग जी का करेंगे इस पर सब तय होगा। |
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