deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Navratri 2025: तन-मन दोनों के लिए फायदेमंद है उपवास, बस ध्यान में रखने होंगे ये जरूरी नियम

LHC0088 2025-9-25 18:01:14 views 1143

  इस तरह मिलेगा उपवास का पूरा लाभ (Picture Courtesy: Freepik)





सीमा झा, नई दिल्ली। वर्षा ऋतु और शरद ऋतु के बीच के इस अवधि को संधि काल कहते हैं। यह शुद्धि काल भी है और इसी समय नवरात्र पर्व मनाया जाता है। इस समय ज्यादातर लोग डिटॉक्स यानी तन ही नहीं मन के शुद्धिकरण के लिए व्रत रखते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

आयुर्वेद में उपवास को अग्नि (पाचन अग्नि) और अमा (विषाक्त पदार्थों) के बीच एक स्वस्थ संतुलन विकसित करने के सिद्धांत से जोड़ा जाता है, पर इसके लिए कुछ नियम व तरीके निर्धारित किए गए हैं। ध्यान रहे उपवास का अर्थ शरीर को देर तक भूखा रखना या कष्ट देना नहीं है। शरीर की प्रकृति (वात, पित्त या कफ), स्वास्थ्य स्थिति के साथ ऋतु के अनुसार आहार-विहार का ध्यान रखा जाए तो उपवास अधिक फलदायी माना जाता है।

new-delhi-city-general,GST,Delhi market GST impact,Diwali orders surge,Cloth market Delhi,GST rate reduction,Wholesale market Delhi,Praveen Khandelwal,GST 2,0 impact,Home appliances demand,Textile industry GST,Delhi news
प्रकृति के अनुरूप रहे ध्यान

  • वात प्रकृति यानी जिन्हें गैस, कब्ज की समस्या रहती है, वे पके फल, पपीता आदि का सेवन करें। मूंग दाल सूप जैसे सुपाच्य आहार से व्रत खोलें। आपको सूखे फल नहीं लेना चाहिए। व्रत में लंबे समय तक भूखा न रहें, इससे कमजोरी या घबराहट हो सकती है।
  • पित्त दोष वालों को गर्मी अधिक महसूस होती है। इनकी भूख तेज होती है, पर एसिडिटी व जलन भी रहती है। व्रत में नाशपाती, अमरूद के साथ नारियल पानी आदि का सेवन करना चाहिए। अनार भी अच्छा है। चिप्स, साबूदाना खिचड़ी, बड़ा आदि अधिक लेने से बचना चाहिए।
  • कफ प्रकृति वाले अक्सर ठंडा मौसम पसंद करते हैं। इनका पाचन धीमा होता है और खाने के बाद भारीपन का अनुभव होता है। यह अग्नि को लंबे समय तक शांत रख सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों को अक्सर उपवास सूट करता है। व्रत में सेब, अनार, अमरूद लेना चाहिए। ये काली मिर्च, अदरक आदि का सेवन भी कर सकते हैं, पर दूध, मिठाई, दही अधिक मात्रा में नहीं लें, इससे नींद या सुस्ती अधिक हो सकती है।

इन नियमों का हो पालन

  • व्रत के एक दिन पहले अधिक भोजन करने से बचें।
  • व्रत में भी स्वस्थ चुनें। जैसे, आलू की जगह शकरकंद का सेवन उचित है।
  • देर रात भोजन के बजाय सूर्यास्त से पूर्व उपवास का अंतिम भोजन लें।
  • उपवास के दौरान अधिक भारी, गरिष्ठ व अधिक ठंडा भोजन न करें।
  • खिचड़ी, ताजे फल, दही, मूंग दाल की दलिया ऐसे हल्के सुपाच्य भोजन के साथ उपवास तोड़ें। व्रत खोलने के बाद
  • एकदम से भारी खाना, चिकनाई वाले पदार्थ न खाएं।
  • मौसमी का रस, मूंग की दाल जैसे हलके भोजन व्रत खोलने के बाद करें।
  • केवल भूख लगने पर ही भोजन करें।
  • फलों का अधिक लाभ एक बार में एक फल लेने से मिल सकता है।
  • लचीले बनें, शरीर की सुनें
  • उपवास के दौरान शरीर को आराम दें।अधिक समय प्रार्थना या डायरी लेखन में लगाएं।

उपवास के लाभ

  • प्राकृतिक निष्कासन के माध्यम से ऊतकों के साथ-साथ अंगों से अमा (विषाक्त पदार्थों) को निकालने में मदद।
  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार।रोगों से लड़ने में बनाता है अधिक सक्षम।
  • मानसिक स्थिरता, आंतरिक शांति।
  • प्राकृतिक रूप से वसा जलाने में मदद |
  • बेहतर नींद, अनिद्रा से राहत आदि।


यह भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2025: कैसे और कब हुई शारदीय नवरात्र की शुरुआत, यहां जानें इस पर्व का महत्व



यह भी पढ़ें- Navratri Fast Diet Plan: नवरात्र के व्रत में सेहत का रखें ध्यान, फलाहार में शामिल कर सकते हैं यह चीजें
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

Forum Veteran

Credits
68107