सोनिया विहार इलाके में बिहार चुनाव को लेकर चर्चा करते लोग। सौ -सुधी पाठक
शुजाउद्दीन, जागरण पूर्वी दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही सरगरमी बढ़ गई है। चुनाव भले ही बिहार में है, लेकिन उस चुनाव की धमक दिल्ली के यमुनापार में भी सुनाई दे रही है। पूर्वांचल के लोग बड़ी संख्या में यहां रहते हैं। बिहार के मुद्दों की गूंज यहां भी सुनाई दे रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दिल्ली से बिहार जाकर वोट करने के लिए लोग उत्साहित नजर आ रहे हैं। छुट्टियों की प्लानिंग कर रहे हैं। ताकि लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा ले सकें। सोनिया विहार की तंग गलियों से लेकर विकास मार्ग लिट्टी चोखा की दुकानों पर बिहार चुनाव की चर्चाएं हो रही हैं। किसी को लग रहा है कि नीतीश कुमार को कोई टक्कर नहीं दे पाएगा तो कुछ का कहना है लालू की लालटेन फिर से जलेगी।
भाजपा को भी लोग उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। दिल्ली में रह रहे बिहार के लोग इस चुनाव को बदलाव के नजरिये से देख रहे हैं। अपराध, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, पानी, सड़कें और नौकरी के मुद्दे लोगों के बीच छाए हुए हैं। लोग इसपर जोर दे रहे हैं, राजनीतिक पार्टियां आपराधिक प्रवृति के नेताओं को टिकट नहीं दें।
वह इस चुनाव में बदलाव के साथ विकास की उम्मीद लगाए हुए हैं। यहां रहने वाले बिहार के लोगों का कहना है कि बिहार में अभी उस तरह का विकास नहीं हुआ है, जिसकी उम्मीद एक आम नागरिक करता है।
रोजगार की तलाश में युवा अपना प्रदेश छोड़कर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी आ रहे हैं। शहरी इलाकों में विकास हो रहा है, लेकिन ग्रामिण क्षेत्र को विकास की दरकार है। सोनिया विहार में रहने वाले विमलेश ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू में अधिकतर विद्यार्थी बिहार से पढ़ाई के लिए आते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार चुनाव में शिक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बनेगा।
प्रशांत किशोर को बिहार का उभरता हुआ नेता मान रहे हैं युवा
बिहार में चुनाव लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की पार्टी के बीच माना जाता है। वर्षों से बिहार के लोग इन दोनों पार्टी की सत्ता देखते हुए आ रहे हैं। इस चुनाव में प्रशांत किशोर की एंट्री हुई है। दिल्ली में रह रहे बिहार के युवाओं को किशोर उभरते हुए नेता नजर आ रहे हैं।
उन्हें लगा रहा है इस बार का चुनाव त्रिकोणीय होगा। वह बिहार चुनाव में पासा पलटने की भूमिका निभा सकते हैं। भले ही किशोर के पास सरकार चलाने का अनुभव नहीं है, लेकिन सरकार कैसे बनाई जाती है वह अच्छे से जानते हैं।
बिहार एक बड़ा राज्य है। जहां जनसंख्या काफी है। पूर्वांचल के लोग भले ही रोजगार के लिए दिल्ली में रह रहे हैं। लेकिन चुनाव आते ही वहां की राजनीति वह सक्रिय हो जाते हैं। बिहार में बेहतर अस्पताल व स्कूल बनने चाहिए। अधिकतर आइएएस व आइपीएस बिहार से आते हैं। - परविंदर मिश्रा, मंडावली
बिहार में कई जिले बार्डर पर हैं। बाढ़ आने पर वह जिले बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। हर एक जिले में रोडवेज बस की सुविधा नहीं है। बिहार के लोगों को इस चुनाव से बहुत उम्मीदें हैं। एम्स जैसे अस्पताल बने, केंद्रीय विद्यालय बनें। अपराध पर अंकुश लगे।
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-ललीत पांडेय, सोनिया विहार
बिहार एक बड़ा राज्य है। जहां जनसंख्या काफी है। पूर्वांचल के लोग भले ही रोजगार के लिए दिल्ली में रह रहे हैं। लेकिन चुनाव आते ही वहां की राजनीति वह सक्रिय हो जाते हैं। बिहार में बेहतर अस्पताल व स्कूल बनने चाहिए। अधिकतर आइएएस व आइपीएस बिहार से आते हैं।
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- परविंदर मिश्रा, मंडावली |