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UP के किसानों को बड़ा तोहफा, दीपावली से पहले केंद्र सरकार ने बढ़ाया इन फसलों का समर्थन मूल्य

cy520520 2025-10-9 14:06:11 views 676

  अन्नदाताओं में सरकार मेहरबान, अब छोटे किसान भी पाएंगे अधिक मुनाफा। जागरण





विमल पांडेय जागरण बांदा । दीपावली से पहले केंद्र सरकार की ओर से फसलों के मिले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तोहफे का लाभ छोटी जोत वाले किसानों को भी तीन हजार रुपये तक मिलेगा। गेहूं, चना, मसूर, सरसों की पैदावार करने वाले बुंदेलखंड के किसान इस निर्णय से खुश हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कृषि विभाग ने भी रबी फसलों में गेहूं को छोड़कर बाकी का आच्छादन लक्ष्य भी बढ़ाया है। इससे किसानों को और अच्छा लाभ मिलने की आस जगी है। सामान्य किसान भी कम से कम 10 क्विंटल फसल बेचेगा तो उसे 1600 से लेकर तीन हजार रुपये तक का सीधा लाभ होगा। इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी।



पिछले महीने केंद्र सरकार के कैबिनेट की बैठक में गेहूं समेत छह फसलों पर एमएसपी बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया था। इसे एक अक्टूबर से पूरे देश में लागू भी किया जा चुका है। एमएसपी बढ़ने के बाद जिलों में अब रबी फसलों में गेहूं को छोड़कर अन्य सभी फसलों का आच्छादन लक्ष्य भी बढ़ा दिया गया है। यह किसानों के लिए दोहरा लाभ देने जैसा है।
किसानों को होगा इतना लाभ

चित्रकूटधाम मंडल समेत प्रदेश के सभी जिलों में यदि सामान्य किसान भी अपनी फसल से यदि 10 क्विंटल अनाज भी बेंचेगा तो उसे 1600 से लेकर तीन हजार रुपये तक का लाभ होगा। जो महंगाई में किसानों के लिए कारगर साबित होगा।



इन किसानों को सरकार ने दीपावली से पहले गेहूं समेत छह फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाकर तोहफा दिया है। रबी की छह फसलों में किसान मुख्यतया मसूर, सरसों, चना, जौ, गेहूं आदि का उत्पादन करते हैं। सरकार ने कुसुम में 600, मसूर में 300, सरसों में 250, चना में 225, जौ में 170 व गेहूं में 160 रुपये की बढ़ोत्तरी की है।
इन फसफों में मिलेगा लाभ

नई एमएसपी दरें लागू होने से जौ का एमएसपी 1,980 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2,150 रुपये, चने का समर्थन मूल्य 5,650 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,875 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर का एमएसपी 6,700 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 7,000 रुपये प्रति क्विंटल किया गया। सरसों का एमएसपी 5,950 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6,200 रुपये प्रति क्विंटल, कुसुम का समर्थन मूल्य 5,940 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6,540 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं का एमएसपी 2,425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2,585 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।



इस पर किसानों ने खुशी जाहिर की है। किसानों का कहना है कि महंगाई में यह धनराशि उनके लिए प्यासे को अमृत के समान मिली है। इससे उनके परिवार की जरूरतों को पूरा करने में कारगर साबित होगी।
गेहूं समेत अन्य फसलों का बढ़ाया आच्छादन लक्ष्य

इस बार किसानों के लिए विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें गेहूं समेत अन्य रबी फसलों में बीते वर्ष से आच्छादन का लक्ष्य अधिक रखा है। इसमें जहां एक ओर आच्छादन का रकबा बढ़ा है, वहीं सरकार ने समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी से किसानों को दोहरा लाभ होगा। बीते वर्ष में चित्रकूटधाम मंडल में गेहूं का आच्छादन 485642 हेक्टेयर था जो इस वर्ष 487179 हेक्टेयर किया गया है।



इसी प्रकार से बीते वर्ष जौ का 14766 हेक्टेयर रहा जो इस वर्ष 14782 हेक्टेयर हो गया। मसूर का आच्छादन बीते वर्ष 91161 हेक्टेयर जो बढ़कर 91282 हेक्टेयर किया गया है। सरसों का 43152 हेक्टेयर था जो इस बार बढ़कर 56140 हेक्टेयर किया गया है। बीते वर्ष चना का आच्छादन रकबा 312456 हेक्टेयर रहा जो कि इस बार 329450 हेक्टेयर रकबा किया गया है।

इससे किसानों के फसलों के आच्छादन बढ़ने से पैदावार अधिक होगी और बढ़े समर्थन मूल्य से बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार आमदनी भी बढ़ेगी। कमोवेश आच्छादन प्रदेश के सभी जिलों में बढ़ाया गया है।


ऐसे समझें किसानों की खेती अर्थशास्त्र

तिंदवारी के किसान रामगोपाल कहते हैं कि अभी तक गेहूं 2425 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाता रहा है। अब यह 160 रुपये अधिक दर से खरीदा जाएगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। पपरेंदा के किसान शिवपूजन कहते हैं कि चना यदि सामान्य रूप से कोई किसान 10 क्विंटल भी बेंचेगा तो कम से कम तीन हजार रुपये का सीधे लाभ होगा।

इस कमर तोड़ महंगाई में किसानों के लिए राहत भरी खबर है। अतर्रा के किसान देव कुमार कहते हैं कि विभाग के गेहूं समेत रबी फसल के आच्छादन बढ़ाने व समर्थन मूल्य बढ़ने से दोहरा लाभ होगा। किसान जहां ज्यादा पैदावार करेगा वहीं उस पैदावार की अच्छी कीमत भी पाएगा।



एमएसपी मूल्य में बढ़ोत्तरी हुई है। इससे सीधे किसानों को लाभ होगा। उत्पादन बढ़ाने को लेकर फसलों के आच्छादन आदि का क्षेत्रफल भी बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार बढ़ाया गया है। किसानों को अधिक पैदावार करने के लिए उन्नतशील किस्म के बीजों का उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा। -डा.एलबी यादव, संयुक्त कृषि निदेशक, चित्रकूट धाम मंंडल

कानपुर- बुंदेलखंड क्षेत्र के जिलों में किसानों की स्थिति
जिला,   कुल किसान,   सीमांत किसान,   लघु किसान
बांदा : 288099, 217915, 70184

चित्रकूट : 168919, 120418 48501



हमीरपुर : 201711, 143710, 58001

महोबा : 149348, 119111, 30237

फर्रुखाबाद : 250500, 165280, 70629

इटावा : 285240, 183530, 15586

कन्नौज : 2,93,054, 246165, 35166

औरैया : 201815, 150855, 28284

फतेहपुर : 372381,300134, 69125

उन्नाव : 605780, 484624, 109040

जालौन :326237, 245502, 80735

कानपुर देहात : 285861, 209812 , 51697
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