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Rama Ekadashi पर जरूर करें तुलसी से जुड़े ये उपाय, अन्न-धन से भरे रहेंगे आपके भंडार

Chikheang 2025-10-9 05:36:45 views 526

  Rama Ekadashi 2025 date तुलसी के उपाय।





धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को महत्वपूर्ण तिथियों में से एक माना गया है। हर महीने में 2 बार एकादशी का व्रत किया जाता है। कई साधक इस दिन पर निर्जला व्रत भी करते हैं। 17 अक्टूबर को रमा एकादशी का व्रत किया जाएगा। ऐसे में आप इस दिन पर तुलसी से जुड़े कुछ उपाय (Tulsi ke Upay) कर सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
तुलसी पूजा विधि

एकादशी के दिन  (Rama Ekadashi 2025) सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद स्नानादि करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें। भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजन करें और उन्हें तुलसी दल डालकर भोग अर्पित करें।



इसके बाद शाम तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं और सात बार परिक्रमा करें। इसके साथ ही तुलसी के समक्ष बैठकर भगवान विष्णु व तुलसी जी के मंत्रों का जप करें। इस दिन आपको तुलसी चालीसा के पाठ से भी शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

  

(Picture Credit: Freepik)
करें इन मंत्रों का जप

1. तुलसी जी के मंत्र -



महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

2. तुलसी गायत्री -

ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।

3. वृंदा देवी-अष्टक मंत्र

गाङ्गेयचाम्पेयतडिद्विनिन्दिरोचिःप्रवाहस्नपितात्मवृन्दे ।

बन्धूकबन्धुद्युतिदिव्यवासोवृन्दे नुमस्ते चरणारविन्दम् ॥



  
रखें इन बातों का ध्यान

एकादशी के दिन इस बात का ध्यान जरूर रखें कि इस दिन पर तुलसी में जल चढ़ाना, या तुलसी के पत्ते तोड़ने की मनाही होती है। साथ ही इस दिन पर तुलसी को स्पर्श करने से भी बचना चाहिए। ऐसा मान्यता है कि एकादशी के दिन तुलसी माता, भगवान विष्णु के निमित्त निर्जला व्रत करती हैं और इस सभी कार्यों से उसने व्रत में विघ्न पहुंच सकता है।



ऐसे में आप भगवान विष्णु के भोग में शामिल करने के लिए तुलसी के पत्ते एक दिन पहले भी उतार कर रख सकते हैं या फिर गमले में गिरे हुए तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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