Forgot password?
 Register now

Jharkhand News: कुड़मी संगठनों की चुनौती, किसी के विरोध से नहीं रुकेगा आंदोलन

cy520520 2025-10-9 05:06:32 views 1029

  



राज्य ब्यूरो, रांची। कुड़मी को आदिवासी का दर्जा देने के विरोध में आदिवासी संगठनों के आंदोलन पर कुड़मी संगठनों ने पलटवार किया है। कुड़मी संगठनों ने चुनौती दी है कि किसी के विरोध के आंदोलन नहीं रुकेगा। अगले वर्ष 11 जनवरी को मोरहाबादी मैदान में मांग के समर्थन में महारैली होगी और वहीं से आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कुड़मी संठनों की समन्वय समिति के प्रमुख शीतल ओहदार ने जोर देकर कहा कि कुड़मी जनजाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने का आंदोलन किसी के विरोध से नहीं रुकेगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे आंदोलन का जितना विरोध होगा, उतना ही आंदोलन तेज होगा। हम संविधान सम्मत अपना हक मांग रहे हैं। किसी का हिस्सा नहीं छीन रहे हैं। उन्होंने कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को भी दोहराया, जो दशकों पुरानी है।
मोरहाबादी रैली से पहले रैलियों का सिलसिला

कुड़मी संगठनों ने निर्णय लिया है कि कुड़मी समाज को जागरूक करने और अधिकारों की लड़ाई को तेज करने के लिए झारखंड के विभिन्न शहरों में रैलियां आयोजित की जाएंगी। दो नवंबर को हजारीबाग, 16 नवंबर को चंदनकियारी, 23 नवंबर को जमशेदपुर, दो दिसंबर को धनबाद और 14 दिसंबर को नवाडीह (बोकारो) में रैलियां होंगी।

इसका समापन अगले वर्ष 11 जनवरी को रांची के मोरहाबादी मैदान में कुड़मी अधिकार महारैली के साथ होगा। 75 वर्षों से कुड़मी समाज अपने अधिकारों से वंचित है और अब युवा पीढ़ी इस लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक ले जाएगी।  

संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार महारैली तक कुड़मी समाज को एसटी सूची में शामिल करने पर विचार नहीं करती तो मोरहाबादी महारैली से झारखंड में नाकेबंदी की घोषणा की जाएगी।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Related threads

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

6796

Threads

0

Posts

210K

Credits

Forum Veteran

Credits
20586
Random