बर्फ की सफेद चादर ओढे हेमकुंड साहिब। साभार सरदार सेवा सिंह
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से बीते तीन दिन से लगातार वर्षा-बर्फबारी के दौर जारी रहे। बुधवार को भी चोटियों में हिमपात हुआ और निचले इलाकों में रिमझिम वर्षा का सिलसिला चलता रहा। जिससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं, निचले इलाकों में शाम को बर्फीली हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी। केदारनाथ समेत ऊंचाई वाले कई इलाकों में पानी जम गया है। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार से पर्वतीय क्षेत्रों में आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने और तेज धूप खिलने की उम्मीद है।
देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में बुधवार को सुबह से ही घने बादलों का डेरा रहा और लगातार तीसरे दिन हल्की से मध्यम वर्षा हुई। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मध्यम वर्षा के एक से दो दौर जारी रहे।
बना रहा ऊंची चोटियों पर हिमपात का क्रम
वहीं, केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब समेत तमाम ऊंची चोटियों पर हिमपात का क्रम बना रहा। उत्तराखंड की ऊंची चोटियां बर्फ से लकदक हो गई हैं और इसके साथ ही प्रदेशभर में पारे ने भी गोता लगाया है। देहरादून का अधिकतम तापमान तीन दिन में नौ डिग्री सेल्सियस नीचे है। वहीं, न्यूनतम तापमान में भी भारी गिरावट आई है। नई टिहरी में पारा सर्वाधिक लुढ़का है।
यहां अधिकतम तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। ज्यादातर स्थानों पर चार से आठ डिग्री सेल्सियस नीचे पारा रिकार्ड किया गया। ऐसे में पहाड़ों में कड़ाके की ठंड महसूस की गई, जबकि मैदानी क्षेत्रों में ठिठुरन बनी है। गर्म कपड़े निकल गए हैं और ज्यादातर क्षेत्रों में बर्फीली हवा परीक्षा लेने लगी है। हालांकि, गुरुवार से से मौसम के तेवर नरम होने की उम्मीद है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सीएस तोमर के अनुसार, पश्चिम विक्षोभ की सक्रियता गुरुवार से कम होने का अनुमान है। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाने के साथ ही हल्की वर्षा हो सकती है। जबकि, मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रह सकता है। दिन में चटख धूप खिलने से पारे में भी इजाफा होने का अनुमान है। हालांकि, सुबह-शाम ठंडक बनी रहेगी। |