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कौन हैं हरियाणा के नए DGP अजय सिंघल,1992 में बने थे IPS; एक जनवरी 2026 से संभालेंगे पदभार

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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सीनियर आईपीएस अधिकारी अजय सिंघल हरियाणा के नए पुलिस महानिदेशक होंगे। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की चयन समिति ने बुधवार को बैठक के बाद तीन अधिकारियों के नाम का फाइनल पैनल बनाकर हरियाणा सरकार को भेजा था। इस पैनल में 1990 बैच के शत्रुजीत कपूर पहले, 1992 बैच के अजय सिंघल दूसरे और 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल तीसरे नंबर पर थे। नए डीजीपी के लिए प्रदेश सरकार ने पैनल में दूसरे स्थान पर काबिज अजय सिंघल को चुना। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कार्यवाहक पुलिस निदेशक ओपी सिंह (1992 बैच), होमगार्ड और सिविल डिफेंस के कमांडेंट मोहम्मद अकील (1989 बैच) और पुनर्नियुक्ति पाने वाले जेल महानिदेशक आलोक राय (1991 बैच) सेवानिवृत्त हो गए हैं। करनाल में आयोजित सम्मान समारोह में दस आईपीएस अधिकारियों ने ओपी सिंह की कार को रस्सी से खींचकर विदाई दी।

ओपी सिंह की सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा की ओर से सिंघल की नए डीजीपी के रूप में नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए। अजय सिंघल नए साल यानी पहली जनवरी को अपना पदभार संभालेंगे। इसके अलावा जल्द ही जेल महानिदेशक और होमगार्ड और सिविल डिफेंस के कमांडेंट के पद पर नई नियुक्तियां की जाएंगी।

हरियाणा सरकार की ओर से डीजीपी रैंक के पांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम का पैनल यूपीएससी (संघ लोकसेवा) आयोग को भेजा गया था। नई दिल्ली में यूपीएससी की चयन समिति की बैठक में इस पैनल पर विचार-विमर्श हुआ। बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी व गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा बतौर सदस्य शामिल हुए।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत यूपीएससी से आने वाले फाइनल पैनल में से किसी एक अधिकारी को डीजीपी नियुक्त करने के अधिकार राज्य सरकारों को दिए हुए हैं। इन्हीं अधिकारियों का इस्तेमाल करते हुए नायब सरकार ने अजय सिंघल को प्रदेश का नया डीजीपी नियुक्त किया है।

प्रदेश के विभिन्न जिलों में एसपी, रेंज आईजी के अलावा मुख्यालय में कई अहम पदों पर काम कर चुके अजय सिंघल की नियुक्ति विधानसभा के हालिया शीतकालीन सत्र के दौरान ही तय हो गई थी। सत्र के दौरान सदन में वे कई बार अधिकारियों की गैलरी में नजर आए थे।
दो वर्ष रहेगा कार्यकाल

नए डीजीपी का कार्यकाल दो वर्ष का रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाश सिंह व अन्य बनाम भारत सरकार केस में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए हुए हैं। इससे पहले राज्य सरकारें अपनी पसंद से डीजीपी नियुक्त कर लिया करती थी। पंजाब में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर विवाद भी हो चुका है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद ही राज्य सरकारों की ओर से डीजीपी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के नाम का पैनल बनाकर यूपीएससी को भेजा जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने ही डीजीपी का कार्यकाल दो वर्ष तय किया हुआ है।
आईपीएस सुसाइड केस के वजह से शत्रुजीत कपूर पिछड़े

1990 बैच के आईपीएस अधिकारी शत्रुजीत कपूर हरियाणा के डीजीपी थे। उनका दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी सरकार ने उन्हें ही यह जिम्मेदारी जारी रखी हुई थी। एडीजीपी रैंक के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के सुसाइड के बाद कपूर की मुश्किलें बढ़ गईं।

वाई पूरन कुमार ने अपने ‘फाइनल नोट’ में शुत्रजीत कपूर सिंह कई आईपीएस व आईएएस अधिकारियों के नाम लिखे थे। इस प्रकरण के बाद ही कपूर लंबी छुट्टी पर गए थे। 14 दिसंबर को उनकी छुट्टी पूरी होने के साथ ही सरकार ने उन्हें डीजीपी पद से रिलीव करके ओपी सिंह को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त कर दिया था।
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