गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। एशिया प्रशांत देशों में अपनी उपस्थिति को लेकर सिंगापुर एयरलाइंस की लो कास्ट कंपनी स्कूट से समझौते के बाद एअर इंडिया ने अब बाल्टिक देशों में अपने पैर जमाने की कोशिश शुरू कर दी है। कोशिश के तहत लातविया की फ्लैग कैरियर एयरलाइन एयरबाल्टिक के साथ एक नया कोडशेयर पार्टनरशिप की घोषणा एअर इंडिया ने की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस समझौते से एअर इंडिया के ग्राहकों के लिए बाल्टिक क्षेत्र तक पहुंचना और भी सुविधाजनक हो जाएगा। यह नई साझेदारी भारतीय यात्रियों के लिए बाल्टिक देशों की खूबसूरत जगहों –जैसे रीगा की ऐतिहासिक विरासत, तालिन की मध्ययुगीन वास्तुकला और विनियस की जीवंत संस्कृति को और करीब लाएगी, साथ ही व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगी।
कोडशेयर के तहत एअर इंडिया ने एयरबाल्टिक द्वारा संचालित उड़ानों पर अपना एआइ कोड लगाना शुरू कर दिया है। ये उड़ानें लातविया की राजधानी रीगा से यूरोपीय शहरों, एम्स्टर्डम, पेरिस, फ्रैंकफर्ट, कोपेनहेगन, मिलान मालपेंसा, विएना, ज्यूरिख और लंदन गैटविक के बीच हैं। इससे एअर इंडिया के यात्री भारत से रीगा तक इन यूरोपीय शहरों के माध्यम से एक ही एअर इंडिया टिकट पर यात्रा कर सकेंगे, जिसमें रीगा जाने वाली कनेक्टिंग उड़ानें भी एआइ कोड के साथ होंगी।
एअर इंडिया की एयरबाल्टिक के साथ इंटरलाइन साझेदारी से यात्रियों को एस्टोनिया की राजधानी तालिन और लिथुआनिया की विनियस तक भी चुनिंदा यूरोपीय गेटवे के जरिए पहुंच मिलेगी, जिससे पूरा बाल्टिक क्षेत्र कवर हो जाएगा।
एयर इंडिया के चीफ कमर्शियल आफिसर निपुण अग्रवाल ने कहा कि एयरबाल्टिक के साथ यह विस्तारित साझेदारी हमारे ग्राहकों को विश्व स्तर पर निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने की एयर इंडिया की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। लातविया और पूरा बाल्टिक क्षेत्र तेजी से बढ़ते यात्रा बाजार हैं, लेकिन पहले हमारे ग्राहकों के लिए वहां पहुंचना इतना सुविधाजनक नहीं था। अब एयरबाल्टिक के साथ यह और आसान हो गया है।
एअर इंडिया दिल्ली से एम्स्टर्डम (साप्ताहिक 7 उड़ानें), पेरिस (14), फ्रैंकफर्ट (12), कोपेनहेगन (4), मिलान (6), विएना (4), ज्यूरिख (4); मुंबई से फ्रैंकफर्ट (5); तथा अमृतसर और अहमदाबाद से लंदन गैटविक (दोनों से साप्ताहिक 3 उड़ानें) संचालित करती है। 2022 में निजीकरण के बाद से एयर इंडिया ने अपनी वैश्विक साझेदारियों का काफी विस्तार किया है।
वर्तमान में एयरलाइन के विश्व भर की प्रमुख एयरलाइंस के साथ 24 कोडशेयर और करीब 100 इंटरलाइन समझौते हैं, जिससे उसके ग्राहकों को 800 से अधिक गंतव्यों तक निर्बाध पहुंच मिलती है। ये कोडशेयर उड़ानें दोनों एयरलाइंस की बुकिंग चैनलों और विश्व भर के ट्रैवल एजेंट्स के माध्यम से बुकिंग के लिए उपलब्ध हैं।
क्या होता है कोडशेयर समझौता?
कोडशेयर समझौता दो या अधिक एयरलाइंस के बीच एक व्यावसायिक साझेदारी होती है, जिसमें एक एयरलाइन अपनी उड़ान कोड (जैसे एअर इंडिया का एआइ) दूसरी एयरलाइन द्वारा संचालित उड़ान पर लगाया जाता है। इससे यात्रियों को लगता है कि वे पूरी यात्रा एक ही एयरलाइन से कर रहे हैं, जबकि वास्तव में कुछ हिस्से दूसरी एयरलाइन की उड़ानों से पूरे होते हैं।
इसे एअर इंडिया व एयरबाल्टिक के बीच हुए समझौते से समझिए। एयरबाल्टिक रीगा से पेरिस की उड़ान चलाती है। एयर इंडिया इस उड़ान पर अपना कोड एआइ लगा देती है (जैसे उड़ान संख्या एआइ1234)। अब यात्री दिल्ली से पेरिस एअर इंडिया की उड़ान से जाते हैं, फिर पेरिस से रीगा \“\“एआइ1234\“\“ (जो वास्तव में एयरबाल्टिक चलाती है) से जा सकते हैं।
सब एक ही टिकट पर। यात्रियों के लिए इसमें यह सुविधा है कि एक ही टिकट, एक ही बुकिंग, एक चेक-इन (सामान सीधे अंतिम गंतव्य तक), आसान कनेक्शन। एयरलाइंस के लिए यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकिे बिना नई उड़ानें शुरू किए नेटवर्क का विस्तार हो जाता है और ज्यादा यात्री आकर्षित होते हैं। छोटे या कम पहुंच वाले शहरों तक आसान पहुंच बन जाता है। |