मंगलवार को चाईबासा में न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर अर्धनग्न प्रदर्शन करते कामगार।
जागरण संवाददाता, चाईबासा। न्यूनतम मजदूरी लागू करने और स्थानीय मजदूरों को रोजगार देने की मांग को लेकर मंगलवार को झारखंड के चाईबासा शहर में झारखंड जेनरल कामगार यूनियन के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन किया गया। जिलाध्यक्ष एवं जगन्नाथपुर के जिला परिषद सदस्य मान सिंह तिरिया के नेतृत्व में कामगारों ने थाली-कटोरा के साथ नंग-धड़ंग प्रदर्शन करते हुए आक्रोश जताया।
प्रदर्शन की शुरुआत जेएमपी चौक से हुई, जो बस स्टैंड, गांधी मैदान और कचहरी परिसर होते हुए सदर अनुमंडल कार्यालय तक पहुंची। यहां कामगारों ने धरना देकर अपनी मांगों को दोहराया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष मजदूर शामिल हुए, जिससे शहर का माहौल कुछ समय के लिए आंदोलनमय हो गया। धरना स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए मान सिंह तिरिया ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिला संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद मजदूर और किसान पलायन को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिले में टाटा, रूंगटा और एसीसी जैसी बड़ी औद्योगिक इकाइयों के रहते भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। काम मांगने पर मजदूरों से 20 से 25 हजार रुपये तक की अवैध वसूली की जाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी योजनाओं के तहत भवन, पुल-पुलिया और सड़क निर्माण कार्यों में बाहरी मजदूरों को लगाया जा रहा है। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार से वंचित होना पड़ रहा है, बल्कि घटिया सामग्री का इस्तेमाल भी हो रहा है। इससे ठेकेदारों को तो मुनाफा होता है, लेकिन जनता को नुकसान उठाना पड़ता है। प्रदर्शन के बाद उपायुक्त के नाम मांग पत्र सौंपा गया। इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, श्रम आयुक्त, कोल्हान आयुक्त, उप विकास आयुक्त, श्रम अधीक्षक चाईबासा और भविष्य निधि कार्यालय को भी भेजी गई है। मौके पर सरायकेला जिलाध्यक्ष सुनील गागराई, चुंबरु पिंगुवा सहित यूनियन के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें |