बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, पटना। युवती को बदनाम करने और शादी तोड़वाने के लिए महिला आयोग में ही दस्तावेजों से छेड़छाड़ और फर्जीवाड़े की कोशिश का मामला सामने आया है। बख्तियारपुर निवासी पीड़िता पढ़ाई के दौरान अपने फूफा के घर रहती थी। विवाद तब शुरू हुआ, जब परिवार में उसकी शादी की बात चली। सगाई के बाद से ही फूफा लगातार शादी नहीं करने का दबाव बना रहे थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस बीच महिला आयोग में युवती की तरफ से तथाकथित आवेदन दिया गया, जिसमें जबरदस्ती शादी कराने की बात कही गई थी। आयोग के बुलावे पर पहुंची युवती ने आवेदन दिए जाने की बात से सिरे से इंकार किया।
उसने कहा कि महिला आयोग में उसने कोई आवेदन नहीं दिया है। उसके नाम, हस्ताक्षर और व्यक्तिगत विवरणों का दुरुपयोग कर यह आवेदन दिया गया है। लगातार फोन कर शादी तोड़ने का दबाव भी बनाया जा रहा है।
झूठा केस दर्ज कराने का आरोप
युवती ने कहा कि फूफा ने एक अज्ञात व्यक्ति को आगे कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष केस दर्ज कराया। आवेदन में आरोप लगाया गया कि युवती का अपहरण कर जबरन शादी कराई जा रही है और पिता ने सात लाख में लड़की को बेच दिया है।
पीड़िता के अनुसार ये सब गलत बात है। 27 नवंबर को महिला आयोग में दोनों पक्षों की उपस्थिति में सुनवाई हुई। इस दौरान फूफा ने कहा कि वह शादी में किसी तरह की बाधा नहीं डालेंगे। शादी के बाद लगा कि विवाद खत्म हो जाएगा, लेकिन उत्पीड़न ने और गंभीर रूप ले गया।
तीन दिसंबर को महिला आयोग से संबंधित आवेदन की प्रति निकलवाई गई और विवरणों से कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई। इसके बाद इस फर्जी प्रति को जानबूझकर युवती के पति को भेजा गया।
इस तरह के मामलों में दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर किसी महिला को बदनाम करने की कोशिश गंभीर अपराध है। महिला आयोग एसएसपी को पत्र लिखकर प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध करेगा। साथ ही मामले की एक-एक प्रति मुख्य डाक अधीक्षक, बिहार सर्किल एवं संबंधित थानाध्यक्ष को भी भेजी जाएगी। -अप्सरा, अध्यक्ष, बिहार राज्य महिला आयोग |
|