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कानपुर में माघ मेले के दौरान गंगा की स्वच्छता को लेकर सख्त निर्देश, प्रदूषण रोकने को 8 टीमें गठित

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जागरण संवाददाता, कानपुर। प्रयागराज में जनवरी से प्रस्तावित माघ मेला को देखते हुए गंगा नदी की स्वच्छता को लेकर शासन ने सख्त निर्देश दिए हैं। सोमवार को जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में बैठक आयोजित की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जिसमें स्पष्ट कहा गया कि गंगा नदी की स्वच्छता, सीवेज प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण के कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं बंदी रोस्टर का अनुपालन कराने के लिए आठ टीमें निगरानी के लिए गठित की गईं।

जिलाधिकारी ने अपर नगर आयुक्त को निर्देश दिए कि माघ मेले से पहले अनटैप्ड नालों में बायोरेमिडियेशन एवं फाइटोरेमिडियेशन कार्यों का स्थलीय निरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाए।

इसके साथ ही टेनरी पम्पिंग स्टेशन, कामन सीवेज पम्पिंग स्टेशन (सीएसपीएस) और सभी संचालित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में लगे स्लज गेट (बाईपास गेट) की जांच कर ली जाए।

घाटों के आसपास कूड़ा फेंकने पर प्रभावी रोक लगाने के लिए गार्बेज डिस्पोजल की पर्याप्त व्यवस्था, नियमित साफ-सफाई और घाटों पर अस्थायी यूरिनल स्थापित कर सफाई कर्मियों को तैनात किया जाए। जल निगम शहरी के सहायक अभियंता को निर्देशित किया गया कि माघ मेला से पूर्व सतर्कता के तौर पर सभी स्लज गेट आवश्यकतानुसार बंद अथवा सील किए जाएं।

इनकी निरंतर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाए और उनकी नियमित निगरानी की जाए। बंदी रोस्टर का कड़ाई से अनुपालन होगा इसके लिए आठ निगरानी टीमें गठित की गई हैं।

ये टीमें बंदी से एक दिन पूर्व रात्रि 12 बजे से दो बजे के बीच अपने-अपने क्षेत्रों का निरीक्षण करेंगी और निरीक्षण आख्या प्रदूषण नियंत्रण विभाग को उपलब्ध कराएंगी।

बंदी अवधि के दौरान प्रत्येक टीम द्वारा मुख्य स्नान पर्व से पहले निरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाएगा। साथ ही बंदी के दौरान बंद टेनरियों के गेट पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा विशेष निगरानी रखी जाएगी।

जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि शासन और एनजीटी के निर्देशों के क्रम में यदि किसी टेनरी, उद्योग या संबंधित संस्थान द्वारा नियमों का उल्लंघन पाया गया तो कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। इस स्थिति में संबंधित क्षेत्र की निरीक्षण टीम की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।


प्रशासन द्वारा जारी बंदी रोस्टर के 31 दिसंबर 2025 से 15 फरवरी 2026 तक चार-चार दिनों के लिए लागू होगा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, अपर नगर आयुक्त मो. अवेश खान, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अजीत कुमार सुमन के साथ अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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