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वैष्णव पुत्रदा एकादशी पर 2 घंटे 14 मिनट का दुर्लभ मुहूर्त, त्रिपुष्कर योग में करें पूजा, मिलेगा दोगुना फल

cy520520 2025-12-29 21:42:22 views 93
  

Putrada Ekadashi 2025: पुत्रदा एकादशी का धार्मिक महत्व



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भक्ति भाव से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। वहीं, सुख-सौभाग्य और वंश में वृद्धि होती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  

इस साल पुत्रदा एकादशी दो दिन मनाई जा रही है। पहले दिन सामान्यजन पुत्रदा एकादशी मनाएंगे। वहीं, दूसरे दिन वैष्णवजन पुत्रदा एकादशी मनाएंगे।

ज्योतिषियों की मानें तो दूजी एकादशी के दिन दुर्लभ और मंगलकारी संयोग बन रहा है। इस योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से व्रती की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलेगी। आइए, 31 दिसंबर के दिन बनने वाले योग के बारे में सबकुछ जानते हैं-
पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Putrada Ekadashi auspicious muhurat)

  • पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट से शुरू।
  • पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन 31 दिसंबर को सुबह 05 बजे होगा।

पुत्रदा एकादशी पारण समय (Putrada Ekadashi Paran Timing)

वैष्णवजन पुत्रदा एकादशी का पारण 01 जनवरी को सुबह 07 बजकर 14 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 18 मिनट के मध्य कर सकते हैं। साधक 01 जनवरी को स्नान-ध्यान करने के बाद विधिवत लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। वहीं, पूजा के बाद अन्न और धन का दान कर व्रत खोलें।
रवि योग

ज्योतिषियों की मानें तो पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर रवि का संयोग है। रवि योग का संयोग 31 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 58 मिनट तक है। इस दौरान लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा। साथ ही आरोग्य जीवन का वरदान मिलेगा।
त्रिपुष्कर योग (Tripushkar Sanjog significance)

पौष माह की पुत्रदा एकादशी पर त्रिपुष्कर योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष त्रिपुष्कर योग को बेहद शुभ मानते हैं। त्रिपुष्कर योग 31 दिसंबर को सुबह 05 बजे से लेकर सुबह 07 बजकर 14 मिनट तक है। कुल मिलाकर कहें तो पुत्रदा एकादशी के दिन 2 घंटे 14 मिनट का दुर्लभ संयोग है। इस दौरान लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आएगी। साथ ही देवी मां लक्ष्मी की कृपा से सकल मनोरथ सिद्ध हो जाएंगे।
सर्वार्थ सिद्धि योग

पौष माह की पुत्रदा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है। सर्वार्थ सिद्धि योग 31 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 58 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 14 मिनट तक है। इस योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से सभी प्रकार के शुभ कामों में सफलता मिलेगी।
सिद्ध योग

पुत्रदा एकादशी पर साध्य योग का भी संयोग है। साध्य योग का संयोग देर रात 09 बजकर 13 मिनट तक है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा (Lord Vishnu puja benefits) करने देवी मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी।
पंचांग

  • सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर
  • सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 35 मिनट पर
  • चंद्रोदय- दोपहर 02 बजकर 19 मिनट पर
  • चंद्रास्त- सुबह 04 बजकर 55 मिनट पर (01 जनवरी 2026)
  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 08 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 32 मिनट से 06 बजे तक
  • निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक


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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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