लापता अग्निवीर।
जागरण संवाददाता, हाथरस। करीब चार महीने पहले उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान लापता हुए अग्निवीर सचिन पोनिया का कुछ पता नहीं लग सका। अब उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने मृत्यु की आशंका के आधार पर अंतिम (अस्थायी) रूप से मृत घोषित कर दिया है। आपत्ति के लिए नोटिस जारी किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्वजन मृत्यु नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि सचिन को तलाशने के और प्रयास होने चाहिए। अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है जिससे यह मान लिया जाए कि सचिन की मृत्यु हो चुकी है। तीस दिन का समय है। जवाब के लिए विचार किया जा रहा है।
चार महीने पहले उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान बचाव कार्य को हुई तैनाती
जिले के मुरसान के गांव करील निवासी 24 वर्षीय सचिन पोनिया ने हाथरस से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। शुरू से ही सेना में भर्ती होना चाहते थे। इसके लिए पढ़ाई के साथ तैयारी की। 30 अक्टूबर 2024 को अग्निवीर के रूप में सेना में भर्ती हुए थे। वह राजपुताना राइफल्स की 14वीं बटालियन में तैनात थे। ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली तैनाती 19 जून को उत्तरकाशी के धराली स्थित हर्षिल घाटी में हुई थी। चार अगस्त को सचिन ने अपने परिवार सहित अपने दोस्तों से फोन पर बातचीत की थी।
पांच अगस्त को लापता हो गए थे सचिन सहित 11 कर्मी, अब तक पता न लगा
पांच अगस्त को धराली में बादल फटने की घटना के बाद वहां पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए सचिन सहित 11 कर्मी भेजे गए थे। इस दौरान ये सभी लापता हो गए। इनके बारे में अब तक कोई सूचना नहीं मिली। स्वजन तभी से परेशान हैं। वे बेटे के लौटने के आस में बैठे हैं। इस संबंध में उत्तराखंड की भटवाड़ी तहसील के उप जिला मजिस्ट्रेट ने हाथरस एसडीएम को पत्र भेजा है। इसमें बताया है कि सचिन पोनिया को अनुमान के आधार पर मृत घोषित किया गया है।
प्रशासन ने मांगी आपत्तियां
इस पर स्वजन को आपत्ति हो तो दे सकते हैं। इसके आधार पर एसडीएम सदर राज बहादुर सिंह ने नोटिस जारी किया। इसमें उत्तरकाशी के प्रशासन के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा है कि यदि किसी व्यक्ति को सचिन पोनिया को मृत घोषित किए जाने पर कोई आपत्ति है, तो ऐसी आपत्तियां 30 दिनों के भीतर किसी भी कार्य दिवस पर एसडीएम कार्यालय में जमा की जा सकती हैं।
नहीं मिला पत्र, अभी सबूत नहीं मिले
सचिन के पिता चंद्रवीर ने बताया कि उन्हें नोटिस नहीं मिला है। तहसीलदार आई थीं। उन्होंने एसडीएम से बात कराई थी। तब बेटे के संबंध में बात हुई। आपत्ति के लिए तीस दिन का समय दिया है। हो सकता है बेटा मिल जाए। इसलिए अभी इंतजार कर रहे हैं। घटना से एक दिन पहले सचिन ने हमसे बात की थी। हम उसके मिल जाने की लगातार प्रार्थना कर रहे हैं। परिवार में चर्चा करने के बाद हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे।
किसान का इकलौता बेटा
सचिन का विवाह नहीं हुआ। उनके पिता चंद्रवीर किसान हैं। उनकी दो संतान में सचिन इकलौता बेटा है। छोटी बेटी श्वेता पढ़ रही है। मां लक्ष्मी देवी गृहिणी हैं।
उत्तराखंड की भटवाड़ी तहसील के उप जिला मजिस्ट्रेट ने पत्र के जरिए अवगत कराया कि सचिन पोनिया को अनुमान के आधार पर मृत माना गया है। उनके पत्र के बाद अब स्वजन और अन्य जानकारों से आपत्ति मांगी गई है जिसका समय 30 दिन दिया गया है। राज बहादुर सिंह, एसडीएम हाथरस सदर |