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नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 209 कॉलोनाइजरों पर अब कसेगा शिकंजा, प्राधिकरण की जमीन पर काटी थी कॉलोनी

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सांकेतिक तस्वीर



धर्मेंद्र चंदेल, नोएडा। नोएडा, ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण की अधिसूचित और अर्जित भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने वाले कॉलोनाइजरों पर अब शिकंजा कसाने जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण ने 209 कॉलोनाइजरों को चिहित कर पुलिस और प्रशासन के पास सूची भेजी है। इनमें के नामी लोग है। एक प्रदेश स्तर का बड़ा नेता व पांच अन्य प्रभावशाली लोग बताए जा रहे हैं। इन्हें भू-माफिया घोषित कर कार्रवाई की जा सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

आरोप है कि इन्हें प्राधिकरण की अर्जित भूमि के साथ अधिसूचित क्षेत्र की ऐसी जमीन पर भी अवैध कॉलोनी बसा दी, जिसका भविष्य में अधिग्रहण कर योजनाएं लाई जानी थी। जमीन पर मकान बन जाने से प्राधिकरण की भविष्य की योजनाओं में अंडगा लग गया है। बाजार दर से जमीन की कीमत करीब पांच हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है।
ग्रेटर नोएडा में करीब 150 कॉलोनाइजरों चिंहित

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी करीब 150 कॉलोनाइजरों को चिंहित किया है। उनकी कुंडली खंगाली जा रही है। इन्होंने जगह-जगह प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कॉलोनी बसा दी। बिसरख समेत कई गांवों में तो मुआवजा उठी भूमि पर भी अवैध कॉलोनी काट दी। जनवरी के प्रथम सप्ताह में उनकी सूची भी पुलिस-प्रशासन के पास पहुंच जाएगी।

नोएडा प्राधिकरण सीईओ डॉक्टर लोकेश एम के निर्देश पर विगत तीन माह से कॉलोनाइजरों की कुंडली खंगाली जा रही थी। उनका लेखा-जोखा तैयार कर शनिवार को पुलिस और प्रशासन को उपलब्ध करा दिया गया। पुलिस अब इनके बैंक खातों में हुए लेनदने की जांच भी करेगी। कॉलोनाइजरों ने करीब 250 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कॉलोनी काटी है।

कॉलोनाइजरों का डाटा प्राधिकरण ने आनलाइन कर दिया, ताकि लोग उनके झांसे में न आए। कालोनियों में भूखंड खरीदने से पहले वह देख सकेंगे कि संबंधित जमीन किसकी है। जमीन के खसरा नंबर भी प्राधिकरण ने ऑनलाइन कर दिए हैं। नोएडा के वाजिदपुर, सलारपुर खादर, मामूरा, गुलावली, दोस्तपुर मंगरौली, कोंडली बांगर, बादौली बांगर, कामबक्शपुर, मामनाथलपुर, सरफादाबाद, सोरखा, पर्थला, गढ़ी चौखंडी, कुलेसरा, लखनावली, सफीपुर आदि गांवों में सर्वाधिक अवैध कॉलोनी बसी है।

सूत्रों का कहना है कि इस बार कॉलोनाइजरों पर कड़ा शिकंजा कसा जाएगा। वर्ष 2002 के बाद से ही शहर में अवैध कॉलोनी बसती रही है, लेकिन इन्हें रोकने के लिए बड़े स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई। सिर्फ नोटिस देने और थाने में मामला दर्ज करने तक ही प्राधिकरण सीमित रहें। अवैध निर्माण को रोकने की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्राधिकरण की है।

बताया जाता है कि पूर्व में प्राधिकरण अधिकारियों की मिलीभगत से ही अवैध निर्माण हुआ। उन्हें इसकी एवज में सुविधा शुल्क मिला। छुटपुट अवैध निर्माण हटाकर प्राधिकरण शासन को रिपोर्ट भेजता रहा। सूत्रों की मानें तो इस बार कड़ी कार्रवाई होगी। शासन स्तर से इसकी हरी झंडी मिल चुकी है। पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में कई कॉलोनाजर और माफिया पर कार्रवाई की है। उन्हें पुलिस ने जेल भी भेजा है।

अगले कुछ दिन में ग्रेटर नोएडा आधा दर्जन बिल्डर और कॉलोनाइजरों पर शिकंजा कसना तय हो गया है। कभी भी उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस ने उनका पूरा डाटा जुटा लिया है। ग्रेटर नोएडा में भी करीब 500 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कॉलोनी बसा दी गई हैं। ज्यादातर भूमि अधिसूचित क्षेत्र की है। इस पर भविष्य में अधिग्रहण के बाद योजनाएं आनी थी, लेकिन अवैध निर्माण के कारण यहां भी प्राधिकरण को योजनाएं लाने में दिक्कत हो रही है।

  

  


प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन पर बिना अनुमति के निर्माण नहीं किया जा सकता। कालोनाइजर नियमों से अनजान लोगों को गलत जानकारी देकर अधिसूचित जमीन पर कॉलोनी बसाकर भूखंड बेच रहे हैं। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। किसी को बख्सा नहीं जाएगा।





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डॉक्टर लोकेश एम, सीईओ, नोएडा
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