Year Ender 2025 : संस्कृति, समर्पण और वैश्विक सहभागिता का महायज्ञ रहा प्रयागराज का महाकुंभ, देशभर से जुटे थे करोड़ों श्रद्धालु

deltin33 2025-12-28 19:27:19 views 454
  

Year Ender 2025 प्रयागराज महाकुंभ में आस्था, संस्कृति और सहभागिता का अद्भुत संगम दिखा। जागरण आर्काइव



शरद द्विवेदी, प्रयागराज। Year Ender 2025 श्रद्धा, भक्ति और सनातन संस्कृति का संवाहक बना महाकुंभ-2025। सदियों से चली आ रही धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा जीवंत हुई। त्रिवेणी (संगम) की तीन अविरल बहती जलधाराओं के तट पर भारतीय विविधता के मिलन का साक्षी बना तीर्थराज प्रयाग। आस्था, श्रद्धा, सामाजिक एकता और वैश्विक सहभागिता के महायज्ञ ने विश्व को सनातन व भारतीय संस्कृति की शक्ति का अनुभव कराया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आस्था की उमड़ पड़ी थी लहर

Year Ender 2025 संगम के पवित्र जल में न केवल करोड़ों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, बल्कि संस्कृति और समर्पण का जीवंत स्वरूप देखने को मिला। मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी के अमृत स्नान में आस्था की लहर उमड़ पड़ी। वहीं, पौष पूर्णिमा, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि स्नान पर्व पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाई।

  
अलौकिक वातावरण का निर्माण किया

Year Ender 2025 महाकुंभ में 13 अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वरों और नागा संन्यासियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। गेरुआ वस्त्रों में लिपटे संन्यासी, धूनी रमाए तपस्वी, वैदिक मंत्रों के उच्चारण और हर-हर महादेव के जयकारों ने अलौकिक वातावरण का निर्माण किया। यही कारण है कि महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। देश-विदेश में उत्कृष्ट प्रबंधन की सराहना हुई।
प्रधानमंत्री ने \“\“मन की बात\“ में महाकुंभ की सराहना की

Year Ender 2025 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष के अंतिम \“\“मन की बात\“\“ में महाकुंभ के सफल आयोजन की सराहना करके सुखद स्मृतियों को जीवंत कर दिया। उन्होंने कहा,-आस्था, संस्कृति और भारत की अद्वितीय विरासत सब एक साथ दिखाई दिए। महाकुंभ ने पूरी दुनिया की चकिया किया।
45 दिनों तक हर विषय पर हुआ मंथन

Year Ender 2025 वास्तविकता यही है कि महाकुंभ धार्मिक आयोजन के साथ मानव सभ्यता का सबसे बड़ा संगम बना। यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा रहा, जिसमें आस्था, इतिहास, समाज और परंपराओं का हर रंग समाहित था। 45 दिनों तक धार्मिक, वैचारिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर मंथन हुआ।
देश के हर प्रांत से श्रद्धालु पहुंचे थे संगम

बड़े-बड़े राजनेता, न्यायविद, अभिनेता-अभिनेत्री, उद्योगपति सहित हर श्रद्धालु ने आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया, साथ ही भारतीय संस्कृति की गहराई को महसूस किया। इसी के प्रभाव से हजारों लोगों ने मोह-माया से मुक्त होकर संन्यास धारण किया। हजारों नागा संन्यासी बने, सैकड़ों को महामंडलेश्वर की उपाधि मिली। भारत के हर एक प्रांत से श्रद्धालु संगम क्षेत्र में पहुंचे थे।  
बने कई रिकार्ड

महाकुंभ पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक बना। गंगा की स्वच्छता को लेकर ऐतिहासिक पहल की गई, जिससे भारत ने गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। विभिन्न स्थानों पर एक साथ सफाई अभियान चलाया गया, जिसमें 300 से अधिक स्वच्छता कर्मियों ने मिलकर मां गंगा को निर्मल करने का संकल्प लिया। वहीं, महाकुंभ में सामूहिक प्रयासों का अनूठा संगम देखने को मिला, जब 10,102 लोगों ने पेंटिंग का नया विश्व रिकार्ड बनाया। आठ घंटे में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा हैंड प्रिंट पेंटिंग करने का कीर्तिमान स्थापित किया गया। जो गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। इसी तरह 19 हजार लोगों ने एक साथ झाड़ू लगाकर मेला की सफाई करके गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया।
सुरक्षा का रहा खास प्रबंध

महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था का खास प्रबंध किया गया। 75 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने 30 हजार से अधिक बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलवाया। रेलवे ने 13 हजार से ज्यादा ट्रेनों का संचालन किया था। इनमें 10 हजार से अधिक नियमित और तीन हजार के लगभग स्पेशल ट्रेनें थीं। प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 10 हजार से अधिक आरपीएफ और जीआरपी कर्मियों को तैनात किया गया था। इसके अलावा हेलीकाप्टर से मेला क्षेत्र की निगरानी कराई गई। फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की छह सौ से ज्यादा जवानों की टीम 24 घंटे सक्रिय रही। उनकी त्वरित कार्रवाई के चलते आग फैलने से बड़ी क्षति को रोका गया।  
महाकुंभ-2025 अविस्मरणीय रहा : श्रीमहंत यमुना पुरी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत यमुना पुरी का कहना है कि तीर्थराज प्रयाग का महाकुंभ-2025 अलौकिक और अविस्मरणीय रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्कृष्ट प्रबंध कराया गया। मुख्यमंत्री योगी ने महाकुंभ की भव्यता और प्रबंधन में कोई कसर नहीं छोड़ी। संतों से मिलने उनके शिविर गए। अखाड़ों के शिविर की व्यवस्था देखने आए। पुन: सिद्ध हुआ कि महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, सृष्टि कल्याण, मानवता के उत्थान का महायज्ञ है। कुंभ-महाकुंभ का प्रवाह अनवरत जारी रहेगा।

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