क्रिकेट के नाम पर चल रहा स्कैम, बिहार टीम में जगह दिलाने के एवज में पिता-पुत्र से ठगे 14.30 लाख रुपये

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बिहार क्रिकेट टीम में सेलेक्शन के नाम पर लाखों की ठगी



जागरण संवाददाता, हापुड़: बिहार क्रिकेट टीम में अपने बेटे के सिलेक्शन के नाम पर एक पिता से कुछ आरोपितों ने 14.30 लाख ठग लिए। आरोपितों ने क्रिकेट अकादमी और बिहार में अच्छी पकड़ का झांसा देकर पीड़ित को जाल में फंसाया। एसपी के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पुलिस मामले की जांच में जुटी है।उत्तर प्रदेश के हापुड़ में पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में बृजेश सिंह ने बताया कि उनका पुत्र भावेश कुमार हापुड़ की संस्कार क्रिकेट अकादमी में प्रैक्टिस करता है। 2022 में एक टूर्नामेंट के दौरान भावेश की मुलाकात बुलंदशहर के विराट उर्फ मुकुल त्यागी से हुई।
मुकुल ने दिया लालच

मुकुल ने भावेश को लालच दिया कि बनारस के रहने वाले उसके जानकार मोनू और सहर्ष आनंद की बिहार क्रिकेट में अच्छी पकड़ है। वह बनारस में एमएस क्रिकेट अकादमी चलाते हैं। मुकुल ने दावा किया कि 15 लाख रुपये फीस देकर भावेश का बिहार टीम में सिलेक्शन करवा देंगे और वह अंडर-19 वनडे एवं टेस्ट मैचों में कम से कम दो-दो मैच खेलेगा। नहीं खेलने पर रुपये वापस करने की गारंटी भी दी।

पुत्र के कहने पर पीड़ित ने शुरू में मना किया, लेकिन मुकुल ने घर आकर और गाजियाबाद में क्रिकेट अकादमी चलाने वाले किशन से बात कराकर विश्वास में ले लिया।

इसके बाद पीड़ित ने अगस्त-सितंबर 2022 में अलग-अलग किस्तों में मुकुल त्यागी और सहर्ष आनंद के बैंक खातों में कुल 14 लाख, 30 हजार ट्रांसफर किए। आरोप है इन लोगों ने पुत्र को बिहार बुलाकर प्रैक्टिस कराई, फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए और बैंक खाता खुलवाया। एक फर्जी सिलेक्शन लेटर भी दिया, लेकिन अंत में पुत्र को मैच नहीं खिलाया गया। रुपये वापस मांगने पर आरोपितों ने बहाने बनाए। बाद में रुपये लौटने से मना कर दिया।
लगातार आ रही थीं शिकायतें

एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि विराट उर्फ मुकुल त्यागी, किशन, मोनू और सहर्ष आनंद के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया गया है। मामले की जांच कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, वाराणसी क्रिकेट एसोसिएशन के आयोजन सचिव पीपी आनंद मिश्र के अनुसार मोनू व सहर्ष यूपी की अंडर 19 टीम में खेलने का दावा करते हैं, लेकिन उनका रिकॉर्ड नहीं है।

चार साल से एमएस क्रिकेट एकेडमी का संचालन कर रहे हैं। दोनों के खिलाफ लगातार शिकायतें वाराणसी क्रिकेट एसोसिएशन तक पहुंचती रहीं हैं। खेल प्रतियोगिताओं में गड़बड़ी, टीम में सेलेक्शन के नाम पर खिलाड़ियों से रुपये लेने का आरोप लगता रहा है। उनकी गतिविधियों को देखते हुए उन्हें अब किसी भी प्रतियोगिता को आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाती है।

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