Magh Mela 2026: माघ मेले में संगम स्नान का बना रहे हैं मन, तो इन नियमों का जरूर रखें ध्यान

LHC0088 7 hour(s) ago views 366
  

Magh Mela 2026 Niyam in hindi



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल पौष पूर्णिमा से प्रयागराज के त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम)  पर माघ मेले का आयोजन होता है, जो महाशिवरात्रि तक चलता है। ऐसे में साल 2026 में यह आयोजन 3 जनवरी से होने जा रही है, जो 15 फरवरी 2026  तक चलेगा। धार्मिक दृष्टि से त्रिवेणी संगम में स्नान का विशेष महत्व माना गया है। आज हम आपको इससे जुड़े कुछ जरूरी नियम बताने जा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
त्रिवेणी संगम में स्नान का महत्व

त्रिवेणी संगम अर्थात गंगा, यमुना सरस्वती (अदृश्य रूप से) नदी का मिलन, जिसमें स्नान का अत्यधिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रिवेणी संगम में स्नान से साधक के पाप धुल जाते हैं और उसे जन्म-मृत्यु के चक्र से भी मुक्ति (मोक्ष) मिलती है।

पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा जैसी तिथियों (Auspicious Days) पर संगम में स्नान का विशेष महत्व होता है, जो शाही स्नान के रूप में जाना जाता है। इससे साधक को अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य फल मिलते हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु संगम स्नान का लाभ उठाने हेतु प्रयागराज पहुंचते हैं।

  

(AI Generated Image)
ये हैं जरूरी नियम

  • माघ मेले में पहले दिन से ही स्नान और व्रत का संकल्प लेना चाहिए और रोजाना सूर्योदय से पहले पवित्र संगम में स्नान (Holy Bath) करना चाहिए।
  • इस पूरी अवधि में साधक को सात्विक भोजन और यदि संभव हो तो एक समय भोजन करना चाहिए।
  • कल्पवास का संकल्प लेने वाले साधकों के लिए तला हुआ, गरिष्ठ यानी भोजन (Heavy Meals) जैसे तेल, घी, मक्खन, मलाई, चीनी, और मूली-धनिया वर्जित माना गया है।
  • इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • इस अवधि में पुण्य अवधि में आपको झूठ व कटु वचन बालने से बचना चाहिए और लालच, घृणा, जलन जैसे भाव को अपने अंदर लाने से बचना चाहिए।
  • इन सभी बातों का ध्यान रखने पर ही आपको माघ मेले में पवित्र स्नान का लाभ मिल सकता है।
  (Picture Credit: Freepik) (AI Image)
इन कार्यों से मिलेगा लाभ

माघ मेले में तिल, अन्न और वस्त्रों का दान करना काफी शुभ माना गया है। साथ ही इस अवधि में संतों के प्रवचन सुने, योग-ध्यान, और कल्पवास (एक महीने नदी किनारे रहकर तपस्या करना) से भी साधक को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से आत्म-शुद्धि होती है और साधक मोक्ष की प्राप्ति की ओर अग्रसर होता है।

यह भी पढ़ें - Magh Mela 2026: इस दिन से शुरू होगा माघ मेला, पढ़ें शाही स्नान से लेकर कल्पवास का महत्व

यह भी पढ़ें - Magh Mela 2026: इस दिन से शुरू होगा माघ मेला, पढ़ें शाही स्नान से लेकर कल्पवास का महत्व

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
140787

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com