बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र स्थित संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय। जागरण
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। वाहन की खरीद करने के बाद मनचाहा नंबर पाने के लिए लोग बोली लगाकर भुगतान करते हैं। इनको फैंसी नंबर कहा जाता है, यह नंबर शौक के साथ ही खास पहचान का भी माध्यम बनते हैं। इसलिए डिमांड रहती है और कई बार किसी एक नंबर के लिए कई लोग बोली लगाते हैं और बोली भी ऊंची लगती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिले में जून 2024 से अगस्त 2025 के बीच लगभग 595 लोग ऐसे हैं। लोगों को मनचाहा नंबर तो मिला ही नहीं। नंबर प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन भुगतान की धनराशि भी वापस नहीं मिली। विभाग के पास ऐसे मामलों में कुल 54.38 लाख रुपये जमा हैं।
सरकार के पैसे वापस करने के आदेश के बाद जगी उम्मीद
लोगों को धनराशि वापस प्राप्त करने के लिए आरटीओ कार्यालय के चक्कर काटने पड़े, लेकिन अब तक आश्वासन ही मिलता रहा। ऐसे में कुछ लाेगों ने तो रुपये वापस मिलने की आस भी छोड़ दी थी। अब ऐसे मामलों में जमा की गई धनराशि को वापस देने के लिए आदेश जारी हुआ तो लोगों की उम्मीद वापस जगी है।
गोविंदपुरम में रहने वाले दिग्विजय पुंडिर ने बताया कि अगस्त 2025 में उन्होंने वाहन खरीदने का प्लान किया। फैंसी नंबर यूपी 14 जीएस 0001 लेने के लिए ऑनलाइन बोली लगाकर 33,331 रुपये का भुगतान विभाग को किया था, लेकिन मनचाहा नंबर नहीं मिला, रुपये भी वापस नहीं मिले। अब ऐसे मामलों में रुपये वापस करने का आदेश जारी हुआ है तो मैंने आवेदन कर दिया है। उन्होंने बताया कि परिवार के
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लगभग ज्यादातर सदस्याें के वाहनों के आखिरी चार नंबर 0001 नंबर ही हैं। इसे शौक भी कह सकते हैं पहचान का भी एक माध्यम कहा जा सकता है। अधिकतर लोग वाहनों के हिसाब से ही मनचाहे नंबर के लिए बोली लगाते हैं।
कितनी होती है फैंसी नंबर की कीमत?
यही वजह है कि कई बार फैंसी नंबर की कीमत 20 से 25 लाख तक भी पहुंच जाती है। हम लोग जब वाहन खरीदना होता है तो फैंसी नंबर के लिए खुद से तय की गई लिमिट में बोली लगाते हैं, यदि नंबर मिल जाता है तो ठीक नहीं तो पश्चिमी यूपी के कई जिलों में उनके परिवार के सदस्य रहते हैं।
उन जिलों में वाहनों की बोली लगाते हैं। तरन भाटिया ने बताया कि उन्होंने यूपी14जीएल0060 नंबर खरीदने के लिए एक हजार रुपये का भुगतान आठ जनवरी 2025 को किया था। शोरूम में बैठकर ही नंबर की बुकिंग की थी, लेकिन नंबर नहीं मिला।
शोरूम के कर्मचारी से पूछा तो उसने सही जानकारी नही दी। ऐसे में उम्मीद नहीं थी कि रकम वापस मिल पाएगी, लेकिन अब ऐसे मामलों में रुपये वापस करने का सरकार का फैसला अच्छा है। संभागीय परिवहन कार्यालय में कार्यरत आरआइ विपिन कुमार ने बताया कि जिन लोगों को मनचाहा नंबर नहीं मिल सका है। उनको
क्लेम करने पर वापस मिलेंगे पैसे
क्लेम करने पर भुगतान की धनराशि वापस मिलेगी। इसके लिए कार्यालय में सक्षम अधिकारी के सामने आवेदन करना होगा। सक्षम अधिकारी यह चेक करेंगे की आवेदक सही व्यक्ति या नहीं। आवेदक का नाम और जिस अकाउंट में रुपये भेजे जाने हैं, वह सही है या नहीं। बैंक अकाउंट नंबर वह ही होना चाहिए, जिससे भुगतान भी किया गया हो। इसका सत्यापन सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी द्वारा भी किया जाएगा। सत्यापन सही होने पर रकम वापस कराई जाएगी। |