प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण का असर दिल्ली के खुदरा बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में हवा की क्वालिटी \“गंभीर\“ श्रेणी में पहुंच गई है। इसकी खबरें देश-विदेश में पहुंच रही है। अब अधिकतर लोग खरीदारी के लिए बाजारों में आने से परहेज करने लगे हैं। कारोबारी संगठनों के अनुसार, जहां रोजाना एनसीआर से तीन से चार लाख लोग खरीदारी के लिए दिल्ली आते थे। वहीं, अब प्रदूषण के कारण इनकी संख्या घटकर एक लाख रह गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
संयुक्त बैठक बुलाने की मांग की
व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने मामले पर गंभीर चिंता जताते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है। इसमें वायु प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व उप्र सरकार की आपात संयुक्त बैठक बुलाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि बाजारों में क्रिसमस व न्यू ईयर की खरीदारी को लेकर अच्छा माहौल रहता है। दूसरे शहरों से भी ग्राहक खरीदारी करने आते हैं। अब प्रदूषण की वजह से लोग आना नहीं चाहते हैं। बहुत से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। श्वास संबंधी खरीददार तो बिल्कुल घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
प्रदूषण से मुक्ति अकेले दिल्ली सरकार के हाथ में नहीं
सीटीआई वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग और उपाध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि प्रदूषण ना केवल दिल्ली की समस्या है बल्कि नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव, सोनीपत जैसे एनसीआर के शहरों में भी हालात गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है और इसका समाधान केंद्र सरकार ही निकाल सकती है।
दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण से मुक्ति दिलाना केवल दिल्ली सरकार के हाथ में नहीं है। जब तक हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली की सरकारें मिल कर काम नहीं करती तब तक दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण से मुक्ति मिलना असंभव है।
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