सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, जम्मू। लद्दाख के दूरदराज इलाकों में संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शनिवार से रियायती दरों पर हेलीकाप्टर सेवा शुरू की जा रही है। लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को लेह में बी-3 हेलीकाप्टर सेवा का शुभारंभ किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि यह पहल कनेक्टिविटी सुधारने, पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ लोगों के लिए आपातकालीन सेवाएं सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ी पहल है। यह सेवा लेह-कारगिल, लेह-पदम, लेह-लिंगशेड, लेह-डिबलिंग, लेह-नेरक, लेह-दिस्कित और लेह-तुर्तुक समेत अन्य कुछ रूटों के लिए उपलब्ध होगी।
यात्री ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली के माध्यम से भी इन सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। हेलीकाप्टर सेवा से सर्दियों के महीनों में स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों के लिए दूरदराज इलाकों की तेज, सुरक्षित और सस्ती यात्रा करना संभव होगा।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने जमानत याचिकाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से जम्मू एंड कश्मीर हाई कोर्ट रूल्स, 1999 में महत्वपूर्ण संशोधन किया है।अधिसूचना के माध्यम से और उपराज्यपाल की पूर्व स्वीकृति के बाद उच्च न्यायालय ने नियम 176-ए में अध्याय पंद्रह जोड़ा है।
नए नियम के तहत प्रत्येक जमानत आवेदक को यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि क्या इसी प्रकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। और यदि हां, तो उसका परिणाम क्या रहा।
आवेदक को यह भी अनिवार्य रूप से बताना होगा कि वह किसी अन्य आपराधिक मामले में शामिल है या नहीं। और यदि शामिल है तो उसके सभी विवरण और निर्णय प्रस्तुत करने होंगे।
उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि जिन जमानत याचिकाओं में यह आवश्यक जानकारी नहीं दी जाएगी, उन्हें प्रक्रिया में नहीं लाया जाएगा। याचिका को आवश्यक विवरण उपलब्ध होने के बाद ही संबंधित पीठ के समक्ष रखा जाएगा।इस अधिसूचना को रजिस्ट्रार जनरल एमके शर्मा ने जारी किया है। |