बंगाल में निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक को करना पड़ा विरोध का सामना ,महिलाओं ने घेरा (फोटो- पीटीआई)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त मतदाता सूची पर्यवेक्षक सी मुरुगन को गुरुवार को बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के फलता में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) का निरीक्षण करते समय विरोध का सामना करना पड़ा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
घटना उस समय हुई जब स्थानीय महिलाओं के एक समूह (कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस समर्थक) ने अधिकारी को घेर लिया और नारे लगाए।
उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार पहले \“आवास योजना\“ के तहत आवास के लिए धनराशि जारी करे और 100 दिवसीय महात्मा गांधी रष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत लंबित मजदूरी का भुगतान करे।
कहा कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक एसआइआर प्रक्रिया को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुरुगन ने व्यवधान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे प्रक्रिया में बाधा डालने का जानबूझकर किया गया प्रयास बताया। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और उचित कदम उठाए जाएंगे।
प्रशासन व एजेंसियों के साथ जरूरी बैठक
चुनाव आयोग ने बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने इसे लेकर गुरुवार को बंगाल प्रशासन व विभिन्न एजेंसियों के साथ जरूरी बैठक की।
बैठक में बंगाल व कोलकाता पुलिस, राज्य सरकार के परिवहन, वन व सहकारिता विभाग, आयकर, आबकारी व सीमा शुल्क विभाग, रिजर्व बैंक, राजस्व खुफिया निदेशालय, भारतीय तटरक्षक बल, सशस्त्र सीमा बल, रेलवे सुरक्षा बल, सीआइएसफ, डाक विभाग, सीमा सुरक्षा बल इत्यादि के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि बैठक में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर अग्रिम चर्चा हुई। |
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