जागरण संवाददाता, कानपुर। Kanpur Weather Update: पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवा चलने से रात के तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। दिन में धूप खिलने से गर्मी का अहसास हो रहा है और वहीं, रात में पारा गिरने से सर्द हवा के थपेड़े ठंडक का अहसास करा रहे हैं। बदलते मौसम में सर्दी, फ्लू, वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया, और श्वसन संबंधी बीमारियां (जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस) फैलने का अंदेशा बढ़ गया है। क्योंकि तापमान और नमी में बदलाव से वायरस और बैक्टीरिया पनपते हैं और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर करते हैं। मौसम विज्ञानी और चिकित्सकों ने लोगों को बदलते मौसम में स्वास्थ्य के प्रति विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान केंद्र में बुधवार को अधिकतम तापमान 26.4 और न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वातावरण में अधिकतम प्रतिशत 79 और न्यूनतम प्रतिशत 27 दर्ज किया गया। उत्तर-पश्चिमी दिशा से 5.8 से सात किमी प्रति घंटा की औसत गति से हवा चलती रही। मौसम विज्ञानी डा एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि अब तापमान में हर रोज कमी आएगी। बादलों के हटने के साथ ही सर्दी तेजी से बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है लेकिन इसका असर अभी मैदान तक पूरी तरह से नहीं पहुंचा है। 13 दिसंबर को एक नया पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है। इससे अगले सप्ताह के मौसम का निर्धारण होगा। बादलों की पट्टी पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर खिसक गई तो सर्दी का असर बढ़ेगा। मौसम में अब कोहरे की भी शुरुआत हो गई है। अब आगे कोहरा और घना होगा।
तापमान और नमी में बदलाव से पनपते हैं वायरस और बैक्टीरिया
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के वरिष्ठ प्रो. जेएस कुशवाहा बताते हैं कि बदलते मौसम में सर्दी, फ्लू, वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया, और श्वसन संबंधी बीमारियां (जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस) फैलने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि तापमान और नमी में बदलाव से वायरस और बैक्टीरिया पनपते हैं और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर करते हैं। सर्दी की शुरुआत के साथ ही आर्थराइटिस, हृदय रोग का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए किसी भी बीमारी के प्राथमिक लक्षण दिखने पर डाक्टर की सलाह पर ही दवा लें। खानपान का ध्यान (ताजे फल, हरी सब्जियां), स्वच्छता, भरपूर नींद, व्यायाम, गर्म पानी पिएं। इस बदलते मौसम में खासकर बच्चों और बुजुर्गों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
शरीर में पानी की कमी न होने दें
पेन मेडिसिन के डा. चंद्रशेखर बताते हैं कि रोज आधा घंटे धूप में बैठना चाहिए। जोड़ों को गर्म कपड़े से कवर करना चाहिए। सर्दी में प्यास कम लगती है। इसलिए सात से आठ गिलास पानी का सेवन जरूर करना चाहिए।बढ़ती उम्र में मांसपेशियों व जोड़ों के कमजोर होने से दर्द की समस्या बढ़ती है, इसलिए डाक्टर की सलाह पर ही दवा खानी चाहिए। दर्द में खुद से स्टेराइड का सेवन किडनी के लिए नुकसानदायक होता है। |