गुप्तारघाट के आकर्षण में चार चांद लगायेगा निर्माणाधीन राम सेतु।  
 
  
 
  
 
आनंदमोहन, अयोध्या। भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई के लिए समुद्र में जो राम सेतु बनाया था, उसकी प्रतिकृति गुप्तारघाट पर देखी जा सकेगी। पर्यटन विकास की यात्रा में राम सेतु का निर्माण हो चुका है। प्रतीकात्मक तौर पर इसे उसी राम सेतु का स्वरूप दिया गया है, जिसके सहारे भगवान राम अपनी सेना के साथ लंका पहुंचे थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
रामायण के उसी प्रसंग को रामसेतु के माध्यम से जीवंत करने का प्रयास किया गया है। दोनों तरफ प्रतीकात्मक समुद्र है। उसी के बीच के रास्ते को राम सेतु का नाम दिया गया है। इसकी लंबाई अधिकतम 25 से 30 मीटर होगी।  
 
  
 
रामायण के सातो कांडों को यहां दिखाने का प्रयास है। राम सेतु पार कर लंका पहुंचने पर एक मिनी ओपन थियेटर मिलेगा। यह लंकेश (रावण) के दरबार का भान करायेगा। राम-रावण युद्ध की याद दिलाने के लिए रावण की मूर्ति भी लगेगी।  
 
पार्क में ऋषि वशिष्ठ के साथ भगवान राम, लक्ष्मण,भरत व शत्रुघ्न को एक साथ दिखाया गया है। हिरन भी तैयार हैं। हिरन पंचवटी की स्मृति ताजी करायेंगे। मेघनाद के बाण से लक्ष्मण के मूर्च्छित होने का दृश्य भी दिखाया जाना है।  
 
  
 
मूर्च्छित लक्ष्मण के उपचार के लिए जिन सुषेण वैद्य को हनुमानजी लाये थे, उनको भी दिखाया जाना है। उनकी मूर्ति बन चुकी है। हनुमानजी, जामवंत व जटायु जैसे पात्रों की मूर्तियां भी पार्क में लगायी जानी हैं। निर्माणाधीन पार्क के पास वाच टावर तैयार हो चुका है। निर्माण में अभी समय लगेगा।  
 
पर्यटन विभाग की इस परियोजना को धरातल पर उतार रही कार्यदायी संस्था यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन लि. के सहायक परियोजना प्रबंधक (एपीएम) अजय कुमार मिश्र के अनुसार पार्क दिसंबर तक तैयार हो जाएगा, हालांकि यह आसान नहीं लगता। फाइनल टच देते-देते मार्च 2026 तक पहुंच जाए तो अचरज नहीं होगा।  
 
  
 
एपीएम मिश्र के अनुसार पर्यटकों के लिए रामायण की थीम पर सरयू नदी के किनारे करीब 12 करोड़ की लागत से इसे विकसित किया जा रहा है। यह श्रद्धालुओं व पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगा।  
 
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