टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। स्मार्टवॉच और फिटनेस बैंड अब सिर्फ फैशन नहीं बल्कि सेहत और स्वास्थ्य की निगरानी के प्रमुख डिवाइस बन गए हैं। दिनभर के स्टेप काउंट हो या गहरी नींद तक, ये डिवाइस हर डेटा पर अपनी नजर रखते हैं। स्मार्टवॉच से मिले डेटा और अलर्ट ने कई बार लोगों की जान भी बचाई है। लेकिन इनके कुछ खतरे भी हैं। स्मार्टवॉच और हेल्थ फिटनेस ट्रैकर के साइड इफैक्ट्स पर अब तक ज्यादा चर्चा नहीं हुई है।
National Center for Biotechnology Information (NCBI) ने यूजर्स पर वियरेबल्स के नकारात्मक नकारात्मक प्रभावों पर लेख प्रकाशित किया है। NCBI अमेरिका की नेशनल बायोटेक्निक सेंटर है, जो बायो मेडिकल और जीनोमिक की जानकारी को आम लोगों तक पहुंचाता है।
फिटनेस ट्रैकर्स का मानसिक स्वास्थ्य पर असर स्मार्टवॉच और दूसरे फिटनेस ट्रैकर लगातार हेल्थ डेटा मॉनिटर करते हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कई सारे यूजर्स हमेशा बिना वजह तनाव में रहते हैं। वे बार-बार हार्ट रेट, स्लीप क्वालिटी या स्टेप काउंट देखते रहते हैं। इस आदत की वजह से वे चिंता में रखते हैं। कई बार तो यूजर्स इन ट्रैकर्स का डेटा देखकर अस्पताल भी पहुंच जाते हैं। अस्पताल की जांच रिपोर्ट्स में पता चलता है कि वे सामान्य हैं।
हेल्थ ट्रैकर्स मेडिकल डिवाइस नहीं होते हैं। इसके साथ ही ये मेडिकल जांच के लिए सर्टिफाइड भी नहीं होते हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब इनकी रीडिंग गलत होती हैं। इसे उदाहरण से समझे तो एक सामान्य व्यक्ति एक्सरसाइज कर रहा हो ते ये ट्रैकर्स हार्ट-रेट अलर्ट शो करने लगते हैं। असल में जब ऐसी समस्या होती तो उसकी हालत गंभीर हो सकती हैं। इसी तरह से ऑक्सीजन, नींद और तनाव के मामले में इनका डेटा भरोसेमंद नहीं नहीं होता है।
PFAS रसायनों का खतरा NCBI की रिपोर्ट की मानें, तो कुछ स्मार्टवॉच के बैंड में PFAS नामक हानिकारक रसायन होते हैं। इन्हें फॉरएवर कैमिकल कहा जाता है, जो शरीर और पर्यावरण में लंबे समय तक रहते हैं। इन केमिकल से हार्मोन, लिवर, इम्युनिटी सिस्टम और दूसरे स्वास्थ्य जोखिमों का खतरा होता है। इस केमिकल की सबसे ज्यादा मात्रा फ्लोरोलेस्टमर (fluoroelastomer) वाले बैंड में होती हैं। ऐसे में लंबे समय तक इन्हें पहनने से इन केमिकल का एक्सपोजर बढ़ने का खतरा रहता है।
कुछ लोगों की स्किन बेहद संवेदनशील होती हैं। ऐसे लोगों में बैंड से एलर्जी, रैशेज, पसीने और कुछ-कुछ मामलों में जलन जैसी समस्या भी देखने को मिली है। ऐसे में ज्यादा देर तक इन डिवाइसेस को पहनने से इस तरह की समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
डेटा प्राइवेसी स्मार्टवॉच में यूजर की हेल्थ से जुड़ी कई संवेदनशील डेटा सेव करती है। इसके साथ ही अगर यह जानकारी किसी के पास पहुंच जाए तो प्राइवेसी प्रभावित हो सकती है।
FAQ (आसान सवाल और जवाब)
1. क्या स्मार्टवॉच नुकसान पहुंचाती है? कुछ लोगों में स्मार्टवॉच से लगातार मिलने वाले डेटा से मानसिक तनाव में आ सकते हैं। इससे स्किन से जुड़ी समस्याएं और PFAS जैसे कैमिकल के संपर्क से हेल्थ रिस्क देखे गए हैं।
2. क्या स्मार्टवॉच का डेटा भरोसेमंद होता है?
आम तौर पर यह हेटा उपयोगी होता है, लेकिन मेडिकल-ग्रेड नहीं होता और कभी-कभी यह गलत भी हो सकता है।
3. PFAS क्या है और क्या यह सभी स्मार्टवॉच में होता है?
PFAS हानिकारक कैमिकल हैं। ये कैमिकल कुछ वॉच या फिटनेस ट्रैकर के बैंड में पाए गए हैं। लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर ये ये शरीर में जमा हो सकते हैं।
4. कौन सा बैंड सुरक्षित है?
सिलिकॉन बैंड को अधिक सुरक्षित माना गया है।
5. क्या स्मार्टवॉच हमेशा पहननी चाहिए?
नहीं। बीच-बीच में उतारना स्किन और केमिकल एक्सपोजर के जोखिम को कम करता है।
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