आशीष चौरसिया, ग्रेटर नोएडा। दिव्यांगों की देखरेख के लिए केयर टेकर को साथ रहकर देखभाल करने की जरूरत नहीं होगी। स्पार्क ऑफ जीनियस टीम के सदस्यों ने दिव्यांगों को होने वाली शारीरिक समस्याओं का समाधान किया है।
नाॅलेज पार्क स्थित जीएल बजाज में आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकाथान के हार्डवेयर एडिशन में उन्होंने आरोग्य कार्ड तैयार किया है। यह केयर टेकर के पास एक एप के माध्यम से होने वाली समस्याओं को संदेश भेजकर मरीज की जानकारी देगा रहेगा।
कर्नाटक के बेलगाम स्थित अंगढ़ी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी एंड मैनेजमेंट के छात्रों की स्पार्क आफ जीनियस टीम की सदस्य की सदस्य सौजन्या ने बताया कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से दिव्यांगों और एकांकी जीवन जीने वाले लोगों के लिए डिवाइस बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने बताया कि दिव्यांगों और एकाकी जीवन जीने वाले लोगों को बीपी, हृदय से जुड़ी बीमारी, स्ट्रेस और एंजाइटी के अलावा शारीरिक बैलेंसिग की समस्याओं का सामना करते हैं। इनके समाधान के लिए वह पिछले कई महीनों से आरोग्य कार्ड डिवाइस बनाने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दिव्यांगों और एकांकी जीवन जीने वाले लोगों को कई बार अचानक से बीपी बढ़ने, हार्टबीट बढ़ने, स्ट्रेस लेवल बढ़ने के अलावा अचानक शरीर का बैलेंस बिगड़ जाता है, तो उन्हें कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं।
इन समस्याओं का ध्यान रखने के लिए लोगों को केयर टेकर या किसी डाॅक्टर की देखरेख में रखना होता है, जिसके लिए लोगों को हजारों रुपये रोजाना खर्च आता है।
कई बार होता है कि डाॅक्टर या केयर टेकर भी दिव्यांगों को होने वाली समस्याओं को इशारे में समझ नहीं पाते हैं और उनकी स्थिति बिगड़ जाती है और कई बार ऐसे में जान भी चली जाती है। ऐसी समस्याओं का समाधान करने के लिए आरोग्य कार्ड डिवाइस तैयार की है।
व्यक्ति के समस्या की 0.2 सेकंड में मिलेगी जानकारी
स्पार्क ऑफ जीनियस टीम के सदस्यों ने आरोग्य कार्ड डिवाइस को हैंडबैंड की डिजाइन में तैयार किया है। इसे एप से कनेक्ट कर व्यक्ति की स्थिति की जानकारी ली जा सकेगी।
यह डिवाइस जिस व्यक्ति के हाथ में लगी होगी उसके बीपी, हार्टबीट, स्ट्रेसलेवल, एंजाइटी के साथ ही बैलेंसिंग पर पूरी नजर रखेगा और हल्की सी दिक्कत होने पर 0.2 सेकंड में डाॅक्टर, केयर टेकर या परिवार के सदस्य को अलर्ट कर देगा। इससे उस व्यक्ति के साथ होने वाली अनहोनी से बचाया जा सकेगा।
डिवाइस में लगा क्यूआर कोड से कनेक्ट होगा एप
टीम मेंटर अरुन ज्योति ने बताया कि डिवाइस में बनाए गए क्यूआर कोड लगा होगा। क्यूआर कोड को स्कैन कर एप से कनेक्ट किया जा सकेगा और उस व्यक्ति के हर पल की स्थिति की जानकारी ली जा सकेगी। डिवाइस बनाने वाली टीम में विनयी, शुभम, अक्षिता, अनन्या और रोहिणी शामिल हैं।
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