पुलिस भी नौगाम पुलिस स्टेशन विस्फोट मामले की जांच कर रही है। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नौगाम पुलिस स्टेशन में गत माह हुए भीषण विस्फोट के संभावित कारणों में एक हैलाेजन लैंप भी हो सकता है। बताया जा रहा है कि जिस जगह विस्फोटक रखे गए थे, वहां रोशनी के लिए हैलोजन लैंप का इस्तेमाल हो रहा था। विस्फोट की जांच कर रही फारेंसिक टीम इस बिंदु का भी आकलन कर रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में लाल किले के पास आत्मघाति आतंकी हमले में लिप्त आतंकी माडयूल के सदस्यों की निशानदेही पर जम्मू कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फाेटक पदार्थ और अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था। इसके अलावा कुछ अन्य ज्वलनशील रसायन भी बरामद सामान में शामिल थे।
भीषण विस्फोट में गई थी नौ लोगों की जान
यह सारा सामान नौगाम पुलिस स्टेशन में रखा गया था, जहां 14 नवंबर की रात को एक भीषण विस्फोट हुआ और नौ लोगों की मौत हो गई। मरने वालों अधिकांश विस्फोटकों की जांच करने वाले पुलिसकर्मी, फारेंसिक टीम के सदस्य ही हैं। जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार ने इस विस्फोट के कारणों की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। पुलिस भी इसकी जांच कर रही है।
संबधित सूत्रों ने बताया कि विस्फोट के कारणों की जांच कर रही फारेंसिक टीम इस बात का आकलन कर रही है कि क्या हैलोजन लैंप से विस्फोट हुआ है या नहीं। जिस जगह विस्फोटकों के नमूने लिए जा रहे थे, वहां कथित तौर रोशनी के लिए हैलोजन लैंप जलाकर रखा गया था।
विस्फोटक सूटकेस से रिसाव हो रहा था
सूत्रों के मुताबिक, विस्फोट के समय थाने में मौजूद रहे पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर बताया कि जिन सूटकेस में विस्फोटक या ज्वलनशील रसायन था, उनमें से कुछ में से रिसाव भी हो रहा था। इसलिए इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि हैलोजन लैंप से उत्पन्न गर्मी ने उक्त विस्फोटक को सक्रिय कर दिया और जोरदार धमाका हो गया हो।
पूछे जाने पर कि क्या विस्फोटस्थल से हैलोजन लैंप के अवशेष मिले हैं,जिनके आधार पर जांच की जा रही है तो संबधित सूत्रों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।इसके साथ ही कुछ लोगों ने दावा किया है कि वहां ठंड से बचाव के लिए हीटर भी इस्तेमाल हो रहा था और उसकी गर्मी भी विस्फोट का कारण बन सकती हैं।
यह कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं हैं
मामले की जांच से संबधित सूत्रों ने बताया कि यह कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं हैं, बल्कि यह जांच के विभिन्न बिंदुओं में शामिल एक बिंदु है, क्योंकि हैलोजन लैंप सामान्य बल्ब का एक सुधरा हुआ रून है इसकी रोशनी सफेद और चमकदार होती है। इसका इस्तेमाल वाहनों की हैटलाइटस, स्टुडियो व अन्य जगहों पर होताहै।
यह बहुत गर्मी पैदा करते हैं और इनके भीतर एक टंगस्टन फिलामेट होता है जो हैलोजन गैस व अन्य अक्रिय गैसों से भरे कांच के बल्ब के अंदर गर्म होकर प्रकाश उत्पन्न करताहै। कई बार यह उच्च दबाव से फट भी सकता है।
इस बीच, एक अन्य जानकारी के मुताबिक, जांच समिति इस बात का भी पता लगा रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक को तंग गली में स्थित पुलिस थाना परिसर में क्यों रखा गया था। और अगर रखा गया था तो क्या उसे सुरक्षित तरीके से रखने की निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन किया गया था या नहीं। |