धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य इतिहास के उन विद्वानों में से एक रहे हैं, जिनके द्वारा लिखित चाणक्य नीति (Chanakya Niti tips in Hindi) को लोग आज भी पढ़ना पसंद करते हैं। आप चाणक्य नीति के इस श्लोक से जान सकते हैं कि किन लोगों का साथ आपको जीवन को बर्बाद कर सकता है। ऐसे में जितना जल्दी हो सके, इन लोगों से दूरी बना लें। चाणक्य ने इन लोगों के साथ रहना मृत्यु के समान बताया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दुष्टाभार्या शठं मित्रं भृत्यश्चोत्तरदायकः ।
संसर्प च गृहे वासो मृत्युरेव नः संशयः ।।५।।
1. यह श्लोक चाणक्य नीति के प्रथम अध्याय से लिया गया है, जिसमें आचार्य चाणक्य ने ऐसी कुछ चीजों का वर्णन किया है, जिसने साथ यदि आप रहते हैं, तो यह आपको लिए किसी मृत्यु से कम नहीं है। जिसमें पहला है दुष्ट पत्नी या लाइफ पार्टनर। यदि आपका लाइफ पार्टनर सही नहीं है, तो ऐसे में भी जीवन नर्क के समान हो जाता है। इसलिए ऐसे पार्टनर का साथ छोड़ देना चाहिए।
(AI Generated Image)
2. इस श्लोक में बताया गया है कि एक झूठा या दुष्ट प्रवृति का मित्र किसी दुश्मन से कम नहीं है। अगर आपका मित्र भी झूठा है, तो ऐसे दोस्त का साथ छोड़ देना चाहिए। क्योंकि ये लोग खुद के लिए तो मुसीबत खड़ी करते ही हैं, साथ ही आपके लिए भी कई मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।
3. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी को थोड़ा आसान बनाने के लिए सर्वेंट रखना एक आम बात है, लेकिन आचार्य चाणक्य का इसपर कहना है कि अगर आपका नौकर दुष्ट प्रवृति का है, तो इससे भी आपके लिए मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं। इसलिए हमेशा अच्छे से जांच-परखकर ही आपको किसी व्यक्ति को सर्वेंट रखना चाहिए।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
आचार्य चाणक्य ने इन सभी की तुलना सर्प यानी सांप से की है, क्योंकि सांप के साथ निवास करना भी साक्षात मृत्यु के समान है।
यह भी पढ़ें - Chanakya Niti: जरूरी फैसले लेने से लगता है डर, तो आपके काम आएंगी चाणक्य नीति की ये टिप्स
यह भी पढ़ें - Chanakya Niti: इन आदतों की वजह से घर में नहीं रहता मां लक्ष्मी का वास, पढ़ें ये चाणक्य नीति
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |