प्रतीकात्मक तस्वीर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली कई योजनाएं लागू की हैं। इन योजनाओं का मकसद है कि महिलाएं सिर्फ नौकरी के भरोसे न रहें, बल्कि स्वयं उद्यम स्थापित कर परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करें। इसके लिए सरकार उन्हें ट्रेनिंग, लोन, मार्जिन मनी और सब्सिडी जैसी सुविधाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर मुहैया करा रही हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अक्टूबर 2025 तक MSME सेक्टर में 850 से अधिक इकाइयों को 275 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया की गई थी। इससे महिला उद्यमिता को मजबूत आधार मिला है। रेडीमेड गारमेंट उद्योग में कार्यरत महिलाओं को प्रतिमाह 5000 की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
महिलाओं को क्या मिल सकती है सहूलियत
इन योजनाओं के जरिये महिलाएं बुटीक, फूड प्रोसेसिंग, सर्विस यूनिट, मैन्यूफैक्चरिंग जैसे कार्यों को शुरू कर सकती हैं। व्यापार, सर्विस, मैन्यूफैक्चरिंग जैसे सेक्टर के लिए भी महिलाओं को इन्हीं योजनाओं के जरिये मदद पहुंचाती है।
आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौन-कौन से योजनाएं?
सीएम स्वरोजगार योजना
इस योजना के तहत 18 से 45 उम्र की महिलाएं 10 लाख तक का लोन लेकर बिजनेस कर सकती हैं। इसमें 30% अनुदान मिलता है।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना
इस योजना के तहत महिला उद्यमियों को 1 से 50 लाख तक का लोन 3% सब्सिडी के साथ मिलता है। यह व्यापार, मेन्युफैक्चरिंग सभी पर मिलता है। डिजिटल स्टार्टअप भी कर सकते हैं।
लाड़ली बहना उद्यमिता योजना
इस महिलाओं को छोटे व्यवसाय के लिए आसान ऋण देती है। ट्रेनिंग, बाजार संपर्क के माध्यम से प्रोडक्ट बिक्री में मदद देती है।
शहरों में महिलाओं के लिए आजीविका मिशन
स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए 2 लाख तक का ऋण मिलता है। महिला स्वसहायता समूह को 10 लाख तक लोन की सुविधा। उद्यम प्रशिक्षण, कौशल विकास खाते खोलने और प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने में मदद करता है।
कहां करें आवेदन और क्या दस्तावेज हैं जरूरी?
सीएमएसई व उद्यम क्रांतिः https://www.jansamarth.in या नगर पालिका के आजीविका मिशन कार्यालय में भी इसका आवेदन दिया जा सकता है। आवेदन के लिए आधार, बैंक पासबुक, पासपोर्ट फोटो, निवास प्रमाणपत्र, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, आय प्रमाण पत्र जरूरी है।
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