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दंपती की शादी 2002 में हुई थी, लेकिन खाने की पसंद को लेकर दोनों में शुरुआत से ही अनबन रहती थी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात के अहमदाबाद में एक दंपती के बीच प्याज और लहसुन को लेकर ऐसा झगड़ा पसरा कि बात तलाक तक पहुंच गई। पत्नी स्वामिनारायण संप्रदाय की थीं और इन चीजों को खाने से सख्त परहेज करती थीं, लेकिन पति और ससुराल वालों को कोई ऐसी पाबंदी नहीं थी।पत्नी की छोटी-सी आदत इतनी बड़ी बन गई कि पति ने तलाक की अर्जी दाखिल कर दी और अब गुजरात हाईकोर्ट ने भी इसे मंजूर कर लिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्या है पूरा मामला?
दंपती की शादी 2002 में हुई थी, लेकिन खाने की पसंद को लेकर दोनों में शुरुआत से ही अनबन रहती थी। पत्नी प्याज और लहसुन से दूर रहती थीं, जबकि पति को इनके बिना खाना फीका लगता था। नतीजा यह हुआ कि घर में अलग-अलग किचन चलने लगे। धीरे-धीरे बात इतनी बिगड़ गई कि पत्नी घर छोड़कर चली गईं और बच्चे को भी साथ ले गईं।
पत्नी पर क्रूरता का आरोप लगाया
2013 में पति ने अहमदाबाद की फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दाखिल की। उन्होंने पत्नी पर क्रूरता और घर छोड़ने का आरोप लगाया। पत्नी का कहना था कि ससुराल वाले उनकी धार्मिक मान्यताओं का सम्मान नहीं करते थे, जिसकी वजह से उन्हें घर छोड़ना पड़ा। कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और 8 मई 2024 को शादी को भंग कर दिया। साथ ही, पति को मेंटेनेंस देने का आदेश दिया है।
इस फैसले से दोनों पक्ष खुश नहीं थे। पति ने मेंटेनेंस की रकम को चुनौती दी, जबकि पत्नी ने तलाक के फैसले के खिलाफ अपील की है। मामला गुजरात हाईकोर्ट पहुंचा, जहां दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं। सुनवाई के दौरान पत्नी ने कहा कि अब उन्हें तलाक से कोई आपत्ति नहीं है।
हाईकोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
हाईकोर्ट ने पत्नी की अपील को खारिज कर दिया और फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। जस्टिस संगीता विशेन और नीशा ठाकोर ने कहा कि जब पत्नी खुद तलाक से सहमत हैं, तो आगे जांच की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि मेंटेनेंस का फैसला सही है, क्योंकि बच्चे की जिम्मेदारी पति पर भी है।
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