डीजीपी ओपी सिंह
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर सिक्योरिटी पर आयोजित एक निजी कार्यक्रम में हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने रविवार को एक नया और बेहद सरल नागरिक-सुरक्षा फॉर्मूला पेश किया। यह है पीवीआर यानी पाउस, वेरिफाई और रिपोर्ट। डीजीपी ने इस मॉडल को आनलाइन फ्राड और डिजिटल स्कैम से बचने के लिए तुरंत अपनाया जा सकने वाला तीन स्टेप का हथियार बताया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि आज के साइबर ठग तकनीक से ज्यादा मानव भावनाओं को हैक करते हैं। हर धोखाधड़ी अक्सर इन छह ट्रिगर्स डर, जल्दबाजी, भरोसा, जिज्ञासा, लालच और लापरवाही के कारण होती है। लोग इनके कारण साइबर ठगों के जाल में फंस जाते हैं। डीजीपी ने कार्यक्रम में नए पीवीआर मॉडल के बारे में बताया।
उन्होंने इसे स्कैम रोकने का नया मंत्र बताया। डीजीपी ने बताया कि हरियाणा में चौबीसों घंटे, सात दिन 1930 साइबर हेल्पलाइन, जिला-स्तर पर साइबर पुलिस स्टेशन, विशेष फारेंसिक टीमें और एफआइआर के बिना रिफंड सिस्टम जैसी सुविधाएं नागरिकों को तुरंत सहायता देने के लिए तैयार हैं।
क्या है पीवीआर मॉडल?
- पाउस का मतलब रुकिए: यानी स्कैमर आपकी घबराहट पर निर्भर करता है। दो सेकंड रुक जाएं, इससे उनका खेल खत्म हो जाएगा।
- वेरिफाइ यानी जांचिए : नंबर, लिंक और मैसेज की असलियत चेक करें। कोई असली संस्था आपसे भागदौड़ में जानकारी नहीं मांगती।
- रिपोर्ट : अगर जरा भी शक हो, तुरंत 1930 पर काल करें। पुलिस मिनटों में पैसे फ्रीज करा सकती है।
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