नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड को आज हर कोई पसंद कर रहा है। क्योंकि इसमें किसी भी सुरक्षित स्कीम से ज्यादा रिटर्न मिलने के चांस होते हैं। इसमें न्यूनतम अनुमानित रिटर्न 12 से 14 फीसदी मिल सकता है। हालांकि ये पूरी तरह से शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। आज हम एसआईपी कैलकुलेशन की मदद से समझेंगे कि हर महीने 4000 रुपये की एसआईपी से 15 लाख रुपये का फंड कब तक तैयार होगा? विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कैलकुलेशन
- निवेश रकम- हर महीने 4000 रुपये
- निवेश रिटर्न- 12 फीसदी
अगर कोई व्यक्ति हर महीने 4000 रुपये की एसआईपी करता है और उसे 15 लाख रुपये का फंड तैयार करना है, तो 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से उसे 13 साल तक निवेश करना पड़ेगा। इन 13 सालों में वे 15,04,000 रुपये का फंड तैयार कर सकता है। इस दौरान उस व्यक्ति का केवल मूलधन या निवेश रकम ही 6,24,000 रुपये हो जाएगी। इसके साथ ही केवल रिटर्न में ही 8,80,000 रुपये मिल सकते हैं।
म्यूचुअल फंड में सिर्फ रिटर्न देखकर नहीं, बल्कि रिस्क फैक्टर्स का भी ध्यान रखना चाहिए।
कौन-से रिस्क फैक्टर्स का रखें ध्यान
बेटा (Beta)
अगर ये बेंचमार्क 1 से कम हो, तो आपके द्वारा चुना गया फंड कम जोखिम वाला है। वहीं अगर ये एक से ज्यादा हो तो इसे रिस्की माना जाता है।
स्टैंडर्ड डेविएशन (Standard Deviation)
जब हम किन्हीं दो फंड्स की तुलना करते हैं, उस समय स्टैंडर्ड डेविएशन देखा जाता है। इसका प्रतिशत जितना कम हो, फंड को उतना कम जोखिम वाला माना जाता है। मान लीजिए एक फंड का स्टैंडर्ड डेविएशन 5 फीसदी है और दूसरे का 10 फीसदी, तो पहला फंड कम जोखिम वाला होगा।
शार्प रेश्यो (Sharpe Ratio)
शार्प रेश्यो के जरिए आप म्यूचुअल फंड में जोखिम का आराम से पता लगा सकते हैं। अगर शार्प रेश्यो 1.00 से कम है, तो रिस्क कम होगा। अगर यहीं शार्प रेश्यो 1.00 से 1.99 के बीच है, तो रिस्क सामान्य रहेगा। ऐसे ही अगर शार्प रेश्यो 2.00 से 2.99 है, तो रिस्क काफी हाई रहेगा।
अगर शार्प रेश्यो 3 से भी ज्यादा है, तो ऐसे फंड में रिस्क बहुत ज्यादा हाई रहता है।
(डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। म्यूचुअल फंड में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।) |