चिड़ियाघर में तेंदुआ के सेल में लगा हीटर।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में ठंड बढ़ते ही वन्यजीवों को सुरक्षित और गर्म वातावरण देने की विशेष तैयारी की गई हैं।
रामगढ़ताल के किनारे स्थित होने के कारण यहां सुबह-शाम ठंड अधिक महसूस होती है। ऐसे में चिड़ियाघर प्रशासन ने सभी 338 वन्यजीवों के लिए बाड़ों में तापमान नियंत्रित करने की व्यापक व्यवस्था की है।
सांप घर में वीआरवी एसी (वैरियेबल रेफ्रिजरेटर वॉल्यूम) लगाया गया है, जो जैसे ही तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से कम होता है, स्वतः चालू होकर वातावरण को नियंत्रित करता है। शेर, बाघ और तेंदुए जैसे मांसाहारी वन्यजीवों के नाइट सेल में ब्लोअर लगाए गए हैं, ताकि उन्हें ठंड से राहत मिल सके। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसी प्रकार लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, बंदर और भालू के बाड़ों में हीटर लगाए गए हैं, जिन्हें कर्मचारी आवश्यकतानुसार संचालित कर रहे हैं। हिरन की सभी प्रजातियों के लिए बाड़े के आसपास पुआल की मोटी परत बिछाई गई है, ताकि खुले में विचरण करने पर भी उन्हें गर्माहट मिल सके।
पक्षियों के बाड़ों को बाहर से चटाई के पर्दे से ढक दिया गया है, जिससे ठंडी हवा सीधे अंदर न पहुंचे। ठंड के मौसम में पानी जल्दी ठंडा हो जाता है, इसलिए कछुआ, मगरमच्छ, दरियाई घोड़ा समेत सभी जलीय जीवों के तालाब का पानी दिन में एक बार बदला जा रहा है।
इसके लिए चिड़ियाघर में विशेष मोटर लगाया गया है। वन्यजीवों के खान–पान में भी बदलाव किया गया है, जिससे वे ऊर्जा और गर्मी बनाए रखें। कुल मिलाकर, चिड़ियाघर प्रशासन ने सर्दी के मौसम में छोटे-बड़े वन्यजीवों को हर संभव राहत पहुंचाने के लिए हीटर, ब्लोअर और एसी सहित 55 से अधिक गर्माहट उपकरणों की व्यवस्था की है।
चिड़ियाघर में रहने वाले वन्यजीवों के भोजन में बदलाव कर दिया गया है। सुबह-शाम लग रही ठंड से बचाने के लिए ब्लोअर और हीटर की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सांप घर चारों तरफ से बंद होने के चलते वहां वीआरवी एसी लगाया गया है। ज्यादा ठंड पड़ने पर सभी के बाड़े का तापमान 25 डिग्री तक रखने की कोशिश है।
डॉ. योगेश प्रताप सिंह, चिकित्साधिकारी/उपनिदेशक, चिड़ियाघर |