कठुआ के 241 स्कूलों का होगा कायाकल्प, 40 करोड़ की लागत से सुधरेगी दशा

Chikheang Yesterday 21:08 views 237

  

कठुआ में 40 करोड़ की लागत से 242 स्कूलों की सुधरेगी दशा।



जागरण संवाददाता, कठुआ। समग्र शिक्षा अभियान के तहत जिले में बड़े स्तर पर स्कूलों का बुनियादी ढांचा मजबूत करने के लिए प्रशासनिक मंजूरी मिल गई है। जिसके तहत स्कूलों की चहारदीवारी, संसाधन कक्ष, शौचालय, शिक्षकों के लिए क्वार्टर, क्लास रूम आदि बनाए जाएंगे। सभी का निर्माण पीडब्ल्यूडी से कराया जाएगा। इस तरह, कठुआ जिले के लिए कुल 241 स्कूलों की दशा सुधारी जाएगी, जिस पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

दरअसल, इन स्कूलों में अधिकांश ऐसे स्कूल हैं, जो अगस्त व सितंबर महीने में भारी बारिश, बाढ़ और बादल फटने की वजह पूरी तरह या फिर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसे देखते हुए ढांचा इस कदर तैयार किया जाए कि भूकंप आदि से भी बचाव हो। विकलांग बच्चों के लिए रैंप जैसी भी व्यवस्था की जाएगी।

हालांकि, मंजूरी मिलने के बाद इन कार्य को पूरा करने के लिए कुछ शर्ते भी तय की गई हैं। यह काम सभी कोडल प्रोसीजर, टेक्निकल सैंक्शन, मंजूर डिजाइन के तहत मंजूर राशि में पूरा किया जाएगा। समग्र शिक्षा के अंतर्गत किए गए व्यय का उचित हिसाब रखा जाएगा, जिसमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अलग अलग प्रोग्राम के तहत खरीदारी व फंडिंग के अन्य स्रोत हों या स्कीम ओवरलैप न हों।

काम पूरी तरह से मंजूर किए गए अनुमान व डीपीआर के नियमों के अनुसार ही किया जाएगा, जिसकी जांच की गई है। सरकार के नियमों के अनुसार गुणवत्ता नियंत्रण मानकों के हिसाब से बनाए रखा जाए। प्रस्ताव को पीडब्ल्यूडी के नए आईएस कोड और विशेष वर्णन के हिसाब से सख्ती से तैयार और डिजाइन किया जाएगा। इसे हाथ में लेने से पहले संबंधित प्राधिकरण से चेक कराया जाएगा।

निर्धारित कानूनी प्रविधानों के अनुसार तथा क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले निर्धारित दिशा-निर्देशों प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है। काम शुरू करने से पहले रेगुलेटरी अथॉरिटी से एनओसी लेनी होगी। काम पूरा करने के लिए बिना रुकावट वाली जमीन उपलब्ध होनी चाहिए। यह भी देखना होगा कि जिस स्कूल में बुनियादी ढांचा खड़ा किया जा रहा है, उसकी मिट्टी उतना भार झेलने की क्षमता भी रखती है या नहीं।

डिजाइन बनाते समय संपत्ति व जान के किसी भी नुकसान से बचने के लिए ढांचे को भूकंप रोधी बनाने के लिए डिजाइन में पर्याप्त प्रविधानों को शामिल करना होगा। कार्य जारी की गई धनराशि के भीतर ही पूरा किया जाएगा तथा आगे कोई धनराशि आवंटित नहीं की जाएगी।

प्रोजेक्ट व योजना मंजूर लागत के अंदर ही पूरी की जाएगी और कोई रिवाइज नहीं होगी। काम पूरा करने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर तय की गई सभी दूसरी शर्तों का पालन किया जाएगा। निर्माण में विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए रैंप, रेलिंग व स्पेशल टॉयलेट आदि जैसी जरूरी चीजें होनी चाहिए।
किस क्षेत्र के कितने स्कूल

जसरोटा: 21
बसोहली: 72
बिलावर: 56
हीरानगर: 34
कठुआ: 58
द्रमन स्कूल पर खर्च होंगे 43 लाख

जिले में सबसे अधिक स्कूल बसोहली के शामिल किए गए हैं। खासकर हाई स्कूल द्रमन को शामिल किया गया है, जिसका अगस्त महीने में काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। इस स्कूल में क्लास रूम के लिए 36 लाख और चहारदीवारी के लिए 9 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। गौर हो कि सरकारी स्कूल पुंखर की इमारत और टायलेट कांप्लेक्स भी बरसात में देखते ही देखते जमींदोज हो गए थे।
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