ब्लैक स्पॉट की समस्या तेजी से की जा रही दूर। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। Black Spots in Bihar: राज्य में सर्वाधिक सड़क हादसों वाले 285 खतरनाक ब्लैक स्पाॅट पिछले तीन सालों में चिह्नित किए गए हैं, जिनमें 227 जगहों में सुधार के काम हुए हैं।
परिवहन विभाग के अनुसार, पथ निर्माण विभाग ने वर्ष 2022 में 96 में से 93, 2023 में 96 में से 92 और 2024 में 93 में से 42 ब्लैक स्पाॅट को ठीक किया है। बाकी बचे 58 ब्लैक स्पाॅट को इस साल के अंत तक दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) मानक के अनुरूप राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 260 ब्लैक स्पाॅट चिह्नित कर सभी को ठीक कर दिया है। इसके साथ ही, बिहार राज्य के मानक के अनुरूप अब तक 563 ब्लैक स्पाॅट चिह्नित कर, 547 को बेहतर कर लिया गया है।
ग्रामीण कार्य विभाग को नहीं मिला एक भी Black Spot
अन्य 16 बचे ब्लैक स्पाॅट को सुधारने का काम जारी है। ग्रामीण कार्य विभाग ने अभी तक ग्रामीण सड़कों में एक भी ब्लैक स्पाॅट नहीं पाया है, लेकिन मधुबनी, मुजफ्फरपुर, बक्सर और कैमूर जिले में छह ग्रे स्पाॅट चिह्नित किए है। इन सभी को भी ठीक किया गया है।
ब्लैक और ग्रे स्पाॅट सड़क को सुधारने के लिए साइन बोर्ड, सड़क चौड़ीकरण, अंडरपास या ओवरपास का निर्माण, सड़क की मरम्मत, फिसलन-रोधी सतह लगाना, अवैध कट बंद करना, बैरिकेडिंग आदि का काम किया जाता है।
मालूम हो कि ब्लैक स्पाॅट सड़क का वह हिस्सा या स्थान होता है, जहां पिछले पांच सालों में सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में लागों की मौत हुई है। आमतौर पर तेज मोड़, खराब डिजाइन वाला चौराहा, अंधेरा, सड़क पर गड्ढे वाली जगहें ब्लैक स्पाट में चिह्नित होते हैं। वहीं ग्रे स्पाट में होने वाली दुर्घटनाओं में मौत तो नहीं होती मगर बड़ी संख्या में गंभीर चोटें आती हैं।
राज्य सरकार सड़क हादसों को कम करने के लिए चिन्हित किए गए स्थानों पर लगातार सुधार के काम करा रही है। जल्द ही बचे हुए स्पाट को भी ठीक कर लिया जाएगा। इसके अलावा नए स्थानों को चिन्हित कर जल्द ठीक करने का काम शुरू किया जाएगा।
श्रवण कुमार, परिवहन मंत्री |