संवाद सूत्र, रामपुर। स्थानीय प्रखंड में पराली को खेतों में जलाने से किसान बाज नहीं आ रहे हैं। जबकि कृषि विभाग द्वारा खेतों में पराली नहीं जलाने के लिए लगातार किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
साथ ही कड़ी चेतावनी भी दी जा रही है कि खेतों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण तो बढ़ता ही है, मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी घट जाती है। बावजूद इसके पराली जलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दरअसल धान की फसल की कटनी हो रही है। मशीनों द्वारा धान की कटाई होने पर उसके बचे हुए अवशेष को किसान जला दे रहे हैं। लगातार खेतों में जल रहे पराली से वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में लगातार किसानों के बीच कृषि विभाग के कर्मी और पदाधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा पराली नहीं जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
कानूनी कार्रवाई की हिदायत
इसके साथ ही उन्हें कानूनी कार्रवाई की हिदायत भी दी गई है, लेकिन इसके बावजूद भी कई किसान जानबूझकर कर खेत में पराली जला रहे हैं। बता दें कि यदि कोई किसान पराली जलाते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर प्राथमिकी कराने के साथ उसका निबंधन लॉक कर दिया जाता है।
साथ ही उसे सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा। इस बार धान की फसल कटने के बाद भभुआ प्रखंड के दो किसानों को सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने के मामले में चिह्नित करते हुए कार्रवाई की गई है।