हरियाणा की साइको किलर पूनम के मामले में नया खुलासा हुआ है।
जागरण संवाददाता, पानीपत। मासूमों की सिलसिलेवार हत्याओं के खुलासे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया है। जांच में सामने आए तथ्य न केवल चौंकाने वाले हैं, बल्कि कई रहस्यमयी कड़ियों को भी जोड़ते दिख रहे हैं।
वर्ष 2023 में दो मासूमों की हत्या के बाद पूनम के व्यवहार में अचानक बड़ा बदलाव देखा गया। स्वजन के अनुसार, वह पड़ोस के मृत युवक की आत्मा अपने शरीर में होने का दावा करती थी। इसी मानसिक विचलन के चलते उसका इलाज कैराना के एक तांत्रिक के पास चलता रहा था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दो मासूमों की 19 अगस्त और 1 दिसंबर की दोनों हत्याएं एकादशी के दिन हुईं। जबकि 12 जनवरी 2023 की दोहरे हत्याकांड की तिथि पंचमी थी, लेकिन उसके बाद फिर तांत्रिक से संपर्क बढ़ना जांच को एक नई दिशा दे रहा है। एकादशी और हत्याओं का यह मेल जांच टीमों के लिए बड़ा सवाल बनकर उभरा है।
तांत्रिक क्रियाओं में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया जाता है। माना जाता है कि इस दिन उपवास, एकाग्रता और मानसिक नियंत्रण से शरीर की प्राणशक्ति भोजन की बजाय सूक्ष्म ऊर्जा में बदल जाती है। यही ऊर्जा मंत्र-जप, साधना और यंत्र-सिद्धि को कई गुना प्रभावशाली बना देती है। इसी मान्यता के चलते एकादशी को तांत्रिक क्रियाओं का दिन अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
पूनम का दो हत्याओं का एकादशी से जुड़ना और तांत्रिक के संपर्क में रहना यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि उसकी हैवानियत के पीछे कहीं अंधविश्वास, मानसिक विकृति और तांत्रिक प्रभाव का घातक मिश्रण तो नहीं था। हालांकि, पुलिस सभी पहलुओं की गहनता से जांच कर रही है और तिथियों की इस कड़ी को अब जांच का अहम हिस्सा माना जा रहा है। |