दरभंगा एयरपोर्ट की सूरत बदली, बड़ा सवाल- यात्रियों की परेशानी कब दूर होगी?

deltin33 2025-10-5 03:06:27 views 1261
  यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।





संवाद सहयोगी, दरभंगा। दरभंगा एयरपोर्ट की शुरुआत आठ नवंबर 2020 को उड़ान योजना के तहत हुई। जब इस एयरपोर्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घरेलू उड़ान योजना के तहत शुरू किए थे। उस वक्त एयरपोर्ट की हालत और तस्वीर कुछ अलग दिख रही थी। अभी वो तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है, लेकिन अभी हालत बदलनी बहुत बाकी रह गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इससे और बदलने की दिशा में तेजी से कार्य भी किया जा रहा है। इस एयरपोर्ट से हवाई सफर करने वाले यात्रियों की परेशानी अब भी उतनी देखा जा रही है। जितनी परेशानी कल चट्टान की तरह बनी हुई थी।



एयरपोर्ट के शुरुआत के पांच वर्ष पूरा होने के बाद भी विमानों के बेहतर परिचालन के साथ दरभंगा और मिथिलांचल के लोगों की बेहतर हवाई कनेक्टिविटी मिलने वाली दरभंग एयरपोर्ट से आज भी सपना बना है।

उन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में विमानो का परिचालन हो रही है । जो अब भी प्रक्रियाधीन है। जिसके कारण आज भी यहां से हवाई सफर करने वाले यात्रियों की परेशानी कमने की स्थिति में अब भी लगातार बढ़ता दिखा जा रहा है।



यह परेशानी तब और सक्रिय हो जाती है। जब त्योहारों के समय दरभंगा एयरपोर्ट पर विमानो की आवागमन बढ़ जाती है। इसके बाद ठंड के मौसम शुरू होती है। लोग यहां से हवाई यात्रा के लिए महंगे दर पर टिकटों की खरीद कर अपने गंतव्य के लिए विमान में खुशी खुशी सवार होकर रवाना भी होते हैं।

विमान दूसरे शहर से दरभंगा एयरपोर्ट के लिए उड़ते भी हैं। किन्तु आधे मार्ग पर पहुंचने के बाद पायलट को अचानक सूचना दी जाती है। रनवे पर पार्किंग सुविधाओं की फिलहाल अभाव चल रही है। उस स्थित में पायलट को अचानक यात्री से भरी विमान को लेकर कही से कही ले जाकर आपात लैंडिंग कराने की नौबत खड़ा हो जाए करते हैं।



कई बार तो दूसरे शहर से विमान उड़ान भरकर एयरपोर्ट के आस पास पहुंच कर रनवे पर पार्किंग खाली नहीं रहने की वजह से पायलट को घंटों भर आसमान में चक्कर लगाने पर गई। विमान का फ्यूल खत्म होने की स्थिति में पायलट को दरभंगा एयरपोर्ट पर से यात्री से भरा विमान को घुमाकर कर दूसरे शहर में डायवर्ट करके आपात लैंडिंग कराने पर गया।

फिर फ्लाइट को रद्द भी कर दी गई, तो वापस घुमा कर ले जानी पड़ गई। जिसके कारण आने व जाने वाले यात्रियों के बीच कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। उस एवज में विमान कंपनी की ओर से कोई सुविधा मुहैया तक नहीं कराई गई। लोगो को अपने अपने निजी रुपया खर्च कर जैसे तैसे घर तक पहुंचना पड़ा।



यहां अभी फिलहाल एक रनवे पर विमानो का परिचालन किया जा रहा है। जो दो हजार सात सौ मीटर में फैला हुआ है।नौ हजार वर्ग मीटर का लंबी और चौरी है। इसपर हरेक दस मिनट के आगे पीछे कर एक एक कर विमानो का लैंडिंग कराई जाती है।

लगातार इस एयरपोर्ट से कई बार फ्लाइट पहुंचने के बाद डायवर्ट कर दूसरे जगह उतार दी जाती थी। इसके बाद फ्लाइट को रद्द कर दी जाती थी। जिसके कारण यात्रियों कई परेशानियों से जूझना पड़ता था। यात्रियों की समस्या से जुड़ी खबर को दैनिक जागरण में प्रमुखता के साथ छापी जा रही थी।



दैनिक जागरण में लगातार खबर प्रकाशित होने के बाद यहां से आने व जाने वाले यात्रियों के बीच जारी समस्या की खबर जिम्मेदार लोगों की कानों तक पहुंची। इसके बाद विमानो की संख्या बढ़ाए जाने के साथ रनवे विस्तार के लिए दरभंगा एयरपोर्ट को अतिरिक्त भूमि के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लंबित पड़ी थी।

24 सितंबर 2024 से मंजूरी मिलने की प्रक्रिया कैबिनेट में तेज हो गई थी। दस जनवरी को आखिरकार कैबिनेट से दरभंगा एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की दिशा में रनवे विस्तार के लिए 90 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए बिहार सरकार ने 244 करोड़ रुपया खर्च करके रनवे को नौ हजार वर्ग मीटर से बढ़ाकर बारह हजार वर्ग मीटर बनाने के लिए, भूमि अधिग्रहण की मंजूरी दे दी।



इसके बाद जिला प्रशासन को 10 करोड़ रुपया तत्काल भेज कर प्रक्रिया को तेज करने को कहा गया था। भूमि पर अधिग्रहण की जानेवाली लंबित शेष राशि सरकार की ओर से सितंबर माह में भेज दी गई। लेकिन अबतक जमीन का मूल्यांकन सहित कागजी प्रक्रिया तक नहीं किया गया है।

सरकार की ओर से भेजे गए,राशि से बसैला, बेलादुलाह , बेला, बासुदेवपुर और श्रीरामपुर के आस पास में रनवे विस्तार के लिए जिला प्रशासन की ओर से भेजे गए, सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जानी है।



लेकिन नौ माह से अधिक समय बीत जाने के बाद अबतक भी भूमि अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन को जो रुख अपनाना चाहिए। वे इस प्रक्रिया के प्रति अपनी उदासीनता की आईना दिखा रहे हैं। जिसके कारण दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई यात्रियों और विमान कंपनियों रनवे की जगह छोटी पड़ने से कई नुकसान सहनी पड़ रही है।

यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद एयरपोर्ट का रनवे नौ हजार से बढ़कर 12 हजार वर्ग फूट का हो जाएगा। इसके तैयार हो जाने से रनवे पर पार्किंग सुविधाएं बढ़ जाने से आसानी से एक साथ कई विमानो का ठहराव संभव हो जाएगा।



वर्तमान में रानीपुर पंचायत के बासुदेवपुर में रनवे विस्तार और सिविल एक्सटेंशन का निर्माण कार्य चल रही है। जिसका बिल्डिंग सहित 32 प्रतिशत कार्य पूरी हो चुकी है। शेष कार्य को तेजी से किया जा रहा है।
एयरट्रैफिक और बढ़ने की संभावना

इस बार दीपावली और छठ महापर्व के त्योहार पर दिल्ली और मुंबई हवाई मार्ग पर अतिरिक्त फ्लाइट चलाई जाएगी। इससे यात्रियों की आवागमन की संख्या में तीन हजार से अधिक प्रतिदिन आवाजाही की अनुमान है।



पिछले वर्ष यहां से दीपावली और छठ पर्व के मौके पर बीते वर्ष 16 विमानो से प्रतिदिन दो से ढाई हजार के बीच यात्रियों ने केवल स्पाइसजेट और इंडिगो एयरलाइंस कंपनी की विमान में हवाई सफर किया था। सबसे अधिक यात्रियों ने दिल्ली और मुंबई हवाई मार्ग पर आवागमन किया था। इस बार स्पाइसजेट , इंडिगो और अकाशा सहित तीन एयरलाइंस कंपनी सेवा दे रही।
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