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यूपी में भाजपा ने SIR को बनाया चुनावी रणनीति का आधार, विधायकों-सांसदों को मिली अतिरिक्त जिम्मेदारी

Chikheang 2025-12-4 13:07:27 views 568

  



राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर जहां विपक्षी दल आरोप-प्रत्यारोप में लगे हैं, वहीं भाजपा ने इसे अपनी चुनावी रणनीति का अहम आधार बनाते हुए कमजोर और मुश्किल सीटों पर खास तैयारी शुरू कर दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वर्ष 2022 का विधान सभा चुनाव हो या फिर 2024 के लोक सभा चुनाव में जिन-जिन विधान सभा सीटों पर भाजपा को हार मिली थी उनके लिए अलग प्लान बनाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित सभी क्षेत्रीय व जिला स्तरीय पदाधिकारी मैदान में जुट गए हैं।

वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने 273 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। 130 सीटें ऐसी थीं जहां वह या उसके सहयोगी चुनाव हार गए थे। 2024 के लोक सभा चुनाव में विधान सभावार परिणाम देखा जाए तो भाजपा 183 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।

भाजपा ने विशेष रणनीति बनाते हुए तय किया है कि हारी हुई सीटों पर सांसदों, विधायकों क्षेत्रीय पदाधिकारियों और मंडल स्तर के जिम्मेदार पदाधिकारियों को एसआईआर के लिए लगाया गया है।

महामंत्री संगठन धर्मपाल ने कहा कि एसआईआर में कोई भी वास्तविक मतदाता छूटे नहीं और फर्जी नाम सूची में न रहें। एसआईआर इसी दिशा में हमारा सबसे प्रभावी उपकरण है।

भाजपा ने उन सीटों पर सबसे अधिक फोकस बढ़ाया है जहां दो हजार से कम अंतर से पार्टी को हार मिली थी। ऐसे क्षेत्रों में मंडल और सेक्टर स्तर पर विशेष बैठकें आयोजित की जा रही हैं। पार्टी ने जिलाध्यक्षों से लेकर पन्ना प्रमुखों तक को लक्ष्य दिया है कि 11 दिसंबर तक हर पात्र परिवार तक पहुंचकर फार्म भरवाए जाएं और त्रुटियों को तत्काल ठीक कराया जाए।

पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे बूथ स्तर पर निगरानी बढ़ाएं, नए मतदाताओं के पंजीकरण में सक्रिय सहयोग दें और संशोधन फार्मों की त्रुटियां समय रहते ठीक कराएं। पार्टी का मानना है कि आगामी चुनावों में कमजोर सीटों को मजबूत करना ही एसआईआर अभियान की सबसे बड़ी उपलब्धि साबित होगी।

भाजपा नेतृत्व ने बूथ कमेटियों से कहा है वे बीएलओ के साथ लगातार संपर्क में रहें, आवश्यक दस्तावेजों के सत्यापन में मतदाताओं की मदद करें और नए पात्र मतदाताओं के नाम जुड़वाने के लिए अभियान चलाएं।

सर्वाधिक 1.56 लाख बीएलए बनाने वाली पार्टी का मानना है कि इस बार मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की चूक भविष्य के चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है, इसलिए बूथ प्रबंधन को मजबूत करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।

भाजपा का यह आक्रामक अभियान बताता है कि पार्टी मतदाता सूची को चुनावी तैयारी का सबसे पहला और महत्वपूर्ण चरण मान रही है। शीर्ष नेतृत्व की सीधी निगरानी के कारण नीचे तक इस अभियान में तेजी आई है।

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