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गोरखपुर में अब पगड़ी और किराए पर आवंटित होंगी वेंडिंग जोन की दुकानें, इन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी

Chikheang 2025-12-3 15:38:09 views 673

  

हरिओम नगर वेंडिंग जोन में बनेंगी 45 दुकानें, होंगी आवंटित। जागरण  



राजीव रंजन, गोरखपुर। नगर निगम की ओर से हरिओम नगर स्थित वेंडिंग जोन का नए सिरे से निर्माण कराया जा रहा है। पुनर्निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को दे दी गई है। जिससे नगर निगम को हर एक महीने करीब 1 लाख रुपये आय होने की संभावना है लेकिन अब मुफ्त में मिलने वाले वेंडिंग जोन की जगह के लिए पटरी व्यवसायियों को पगड़ी और किराए भी देना पड़ेगा। 7000 से 10 हजार रुपये तक किराया निर्धारित होने की संभावना है। वहीं, पगड़ी के तौर पर भी मोटी रकम अदा करनी पड़ सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

नगर निगम अब शहर के वेंडिंग जोन के प्रबंधन में एक बड़ा बदलाव लागू कर रहा है। नई नीति के तहत, वेंडिंग जोन अब निजी एजेंसियों द्वारा संचालित किए जाएंगे, जिससे पटरी व्यवसायियों के लिए नया व्यापार माडल पेश किया जा रहा है, जिसमें उन्हें ‘पगड़ी’ (एकमुश्त जमा राशि) और मासिक किराया दोनों चुकाने होंगे। यह परिवर्तन नगर निगम के लिए राजस्व का एक नया स्रोत खोलने की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है, लेकिन उन विक्रेताओं के लिए वित्तीय चुनौतियां भी खड़ी कर सकता है जो पहले मुफ्त या रियायती दरों पर स्थान प्राप्त करते थे।

हरिओम नगर स्थित वेंडिंग जोन, जिसका वर्तमान में नए सिरे से निर्माण किया जा रहा है, इस निजीकरण माडल के तहत संचालित होने वाला पहला है। पुनर्निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी एक निजी एजेंसी को सौंपी गई है। नगर निगम को अकेले इस जोन से हर महीने लगभग 1 लाख रुपये की आय होने की संभावना है। हालांकि, पटरी व्यवसायियों को अब इस स्थान के लिए 7,000 से 10,000 रुपये तक मासिक किराया देना पड़ सकता है, साथ ही एक अग्रिम पगड़ी राशि भी देनी होगी।

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यह मॉडल शहर के अन्य वेंडिंग जोन पर भी लागू किया जा सकता है। गोरखपुर में कई वेंडिंग जोन हैं, जिनमें रुस्तमपुर, ट्रांसपोर्टनगर, चकबंदी कार्यालय के पास शामिल हैं। इसके अलावा शहर के विभिन्न इलाकों में पटरी व्यवसायी सड़क किनारे ठेला खोमचे लगाकर व्यवसाय करते हैं।

इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में छोटे विक्रेता अपनी आजीविका कमाते हैं। लेकिन अव्यवस्थित होने की वजह से कई तरह की समस्याएं पैदा होती रहती है।

व्यवस्थित संचालन का निजीकरण का मुख्य उद्देश्य
निजीकरण का मुख्य तर्क इन क्षेत्रों के बेहतर रखरखाव, सफाई और व्यवस्थित संचालन को सुनिश्चित करना है। निजी एजेंसियां बुनियादी सुविधाएं जैसे शौचालय, पानी और बिजली प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होंगी। हालांकि, पटरी व्यवसायियों ने इस कदम पर चिंता व्यक्त की है।


- निविदा के आधार पर प्रति माह एक लाख रुपये पर हरिओम नगर वेंडिंग जोन के पुनर्निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी मिली है। पगड़ी और किराया के आधार पर दुकानों को दिया जाएगा। एक से डेढ़ लाख रुपये पगड़ी के अलावा पांच से आठ हजार रुपये किराया पर दुकानों को दिया जाएगा। दिसंबर तक दुकानों का निर्माण पूरा हो जाएगा।
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-अमन श्रीवास्तव, एजेंसी संचालक


निजी एजेंसी को हरिओमनगर वेंडिंग को दिया गया है। शहर के अन्य वेंडिंग जोन का निर्माण भी जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
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-दुर्गेश मिश्रा, अपर नगर आयुक्त
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